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राजस्थान में एक बार फिर से उपचुनाव का बिगुल बज गया है. प्रदेश के चुरू जिले की सरदारशहर विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को मतदान होगा. कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा का निधन हो जाने के चलते यह उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी है. राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. उसे देखते हुए माना जा रहा है कि सरदारशहर सीट का यह चुनाव चालू विधानसभा का अंतिम उपचुनाव होगा. इस सीट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों पूरा दमखम दिखाएंगी. ये उपचुनाव 2023 के सेमीफाइनल भी माना जा रहा है.
प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक हुए तीन बार में सात सीटों पर उपचुनाव हुए हैं. इन उपचुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. सात में से पांच सीटों पर विपक्षी दल बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है. कांग्रेस ने मंडावा और धरियावाद सीट बीजेपी से छीनी है, तो दूसरी तरफ सुजानगढ़, सहाड़ा, वल्लभनगर पर अपना कब्जा बरकरार रखा है. बीजेपी केवल राजसमंद सीट को बरकरार रख सकी है. खींवसर सीट पर हनुमान बेनीवाल की पार्टी ने अपना कब्जा बरकरार रखा है.
कोरोना काल में मंत्री और सुजानगढ़ से विधायक मास्टर भंवरलाल, सहाड़ा से कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी, वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत, राजसमंद से बीजेपी विधायक किरण माहेश्वरी और धरियावद से बीजेपी विधायक गौतम लाल मीणा का निधन होने के कारण चुनाव हुए थे. मंडावा से BJP विधायक नरेन्द्र कुमार और खींवसर से रालोपा विधायक हुनमान बेनीवाल के सांसद बनने के कारण यहां उपचुनाव हुए थे.
चुरू की सरदारशहर सीट परंपरागत रूप से कांग्रेस के कब्जे में रही है. आजादी के बाद से अब तक यहां हुए 15 बार चुनाव में से 9 बार कांग्रेस के विधायक रहे है. भंवरलाल शर्मा के निधन से खाली हुई इस सीट पर उनका ही दबदबा रहा. शर्मा यहां से चार बार कांग्रेस और दो बार जनतादल के टिकट पर विधायक रहे. 2018 के विधानसभा चुनाव में भंवरलाल 18816 वोटों से चुनाव जीते थे. उन्हें 95 हजार 282 वोट मिले थे, जबकि उनसे हारने वाले बीजेपी उम्मीदवार अशोक पींचा को 78 हजार 466 वोट मिले थे. भवंरलाल शर्मा को 47 फीसदी और अशोक पींचा को 39 फीसदी वोट मिले थे.
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