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अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं और आपके पास 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ी या 10 साल पुरानी कोई डीजल गाड़ी हो, तो जितनी जल्दी हो सके, उसे बेच दीजिए...खरीदार न मिले, तो कबाड़ में ही सही. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी गाड़ियों के चलने पर सोमवार को बैन लगा दिया है. साथ ही कोर्ट ने ट्रांसपोर्ट विभाग को निर्देश दिया है कि अगर ऐसी गाड़िया सड़क पर चलते पाए गए, तो उन्हें जब्त कर लिया जाए.
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जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की हालत को ‘बहुत ही चिन्ताजनक' बताते हुए कहा कि 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों की लिस्ट सेन्ट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और परिवहन विभाग की वेबसाइट पर छापी जाए.
यही नहीं, बेंच ने कहा कि इस बारे में अखबारों में विज्ञापन भी छापे जाएं, ताकि जनता को इसकी जानकारी मिल सके. इसके अलावा बेंच ने सेन्ट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को सोशल मीडिया पर तुरंत एक अकाउन्ट खोलने का निर्देश दिया. इस अकाउंट पर प्रदूषण की समस्या के बारे में लोग शिकायत दर्ज कर सकेंगे और संबंधित अधिकारी उन पर उचित कार्रवाई करेंगे.
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कोर्ट ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण को ग्रेडेड रेस्पॉन्स कार्य योजना (ग्रेप) के तहत कदम उठाने की इजाजत दी है. इस योजना का मकसद दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाके में वायु प्रदूषण से निपटना और हवा की क्वालिटी में गिरावट होने पर सुधार के तत्काल कदम उठाना है.
इस मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने उन मीडिया रिपोर्ट का जिक्र किया, जिनमें प्रदूषण के बहुत ऊंचे स्तर की वजह से लोगों को सुबह सैर पर नहीं जाने की सलाह दी गयी थी.
बता दें कि इससे पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी दिल्ली की सड़कों पर 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल गाड़ियों को चलाने पर पाबंदी लगा दी थी. कोर्ट इस समय दिल्ली में वायु प्रदूषण की चिंताजनक हालत से निपटने के तरीकों पर विचार कर रहा है.
(इनपुट:भाषा)
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