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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले हफ्ते हुए हिंसक प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने 27 दिसंबर को जुमे की नमाज से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी.
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया, ''कानून व्यवस्था पूरी तरह काबू में है. हम रणनीतिक तौर पर फोर्सेज की तैनाती जारी रखेंगे. मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दलों का गठन किया गया है. हमने 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड की हैं. स्थिति की मांग के हिसाब से इनको बहाल कर दिया जाएगा.''
इसके साथ ही डीजीपी सिंह ने कहा कि राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 3500 जवान और PAC के 12,000 जवान शांति बरकरार रखने के लिए तैनात किए गए हैं.
बता दें कि गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, मुजफ्फरनगर और शामली में इंटरनेट सेवाएं फिर से सस्पेंड कर दी गई हैं. इसके अलावा आगरा में भी 27 दिसंबर को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं.
कानपुर जिला प्रशासन ने भी जिले में 26 दिसंबर को रात 9 बजे से 27 दिसंबर की रात 9 बजे तक इंटरनेट सेवाओं को संस्पेड रखने का आदेश दिया है. सीतापुर में जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है.
इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक/निजी संपत्तियों के हुए नुकसान की भरपाई के लिए करीब 498 लोगों को चिह्नित किया है.
राज्य सरकार के मुताबिक, पिछले हफ्ते हुई हिंसा में 19 लोगों की मौत हुई है, 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 61 को गोली लगी थी. पूरे राज्य में हिंसा में शामिल होने के आरोपों में 1,113 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
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