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पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की हत्या से पंजाब की राजनीति गरमाई हुई है. इस हत्याकांड ने पंजाब के पुराने जख्मों को भी जिंदा कर दिया है. इससे पहले भी लाखों लोगों के दिलों पर राज करने वाले कलाकारों की हत्या हो चुकी है.
पंजाब के क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह संधू ऊर्फ पाश की 37 साल की उम्र में हत्या कर दी गई थी. 1988 में जालंधर के तलवंडी सलेम गांव में खालिस्तानी आतंकवादियों ने पाश की हत्या कर दी थी.
23 मार्च यानी भगत सिंह को जिस दिन फांसी दी गई थी, उसी दिन खालिस्तानी आतंकवादियों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी.
1988 में पंजाब के मशहूर गायक अमर सिंह चमकीला और उनकी पत्नी अमरजोत की हत्या कर दी गई थी. मात्र 27 साल की उम्र में अपराधियों ने चमकीला को मौत के घाट उतार दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 8 मार्च 1988 को जब वो अपनी गाड़ी में पत्नी के साथ कहीं जा रहे थे उस वक्त उनपर हमला हो गया था और अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी थी. उनकी मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है.
1980 के दशक में जब अन्य कलाकारों के गीत रोमांस और वीरता पर केंद्रित थे, चमकीला ने अपने गानों के जरिए ग्रामीण पंजाब के लोगों की समस्याओं को उजागर किया. उन्होंने अपने गीतों के जरिए नशीली दवाओं के दुरुपयोग, शराब, विवाहेतर संबंधों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया.
बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र (Dharmendra) के चचेरे भाई वीरेंद्र सिंह देओल (Virendra singh Deol) की साल 1988 में हत्या कर दी गई थी. 40 की उम्र में वीरेंद्र को शूटिंग के दौरान गोली मारी गई थी. एक ही साल में तीन कलाकारों की हत्या से पंजाब दहल उठा था.
लोकप्रिय पंजाबी गायक दिलशाद अख्तर की 1996 में गुरदासपुर गांव में एक शादी समारोह के दौरान कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी.
साल 2018 में पंजाब के चर्चित गायक परमीश वर्मा पर मोहाली में हमला हुआ था. इस हमले में परमीश बाल-बाल बचे थे. गोली परमीश के घुटने में लगी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परमीश वर्मा पर यह जानलेवा हमला फिरौती के लिए किया गया था. इस हमले का आरोप गैंगस्टर दिलप्रीत बावा पर लगा था जिसपर केस भी चल रहा है.
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