Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019तूतीकोरिन: पुलिस पर बर्बरता के आरोप, पिता-पुत्र की मौत से आक्रोश

तूतीकोरिन: पुलिस पर बर्बरता के आरोप, पिता-पुत्र की मौत से आक्रोश

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले में पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की है

स्मिता टी के
राज्य
Updated:
जयराज (58) और उनके बेटे इमैनुएल बेनिस की मौत से आक्रोश
i
जयराज (58) और उनके बेटे इमैनुएल बेनिस की मौत से आक्रोश
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

जयराज (58) और उनके बेटे इमैनुएल बेनिस (31) के परिजन और दोस्त यह भरोसा नहीं कर पा रहे हैं कि ये दोनों अब इस दुनिया में नहीं है. तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित सथानकुलम में पुलिस की कथित बर्बरता से इन दोनों की मौत के बाद राज्य में भारी आक्रोश फैल गया है.

बेनिस के दोस्तों में से एक ने इस मामले पर बताया, ‘’मुझमें अंदर जाके उसे देखने की हिम्मत नहीं थी. मेरे दोस्तों ने देखा कि कैसे वह खून में लथपथ था और अंत में उन्होंने बस उन्हें बेरहमी से मार डाला.’’

इस घटना में पुलिसकर्मियों के साथ-साथ सथानकुलम ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट बी सरवनन के आचरण पर भी सवाल उठ रहे हैं.

‘चश्मदीदों’ ने बताया घटनाक्रम

खुद को इस मामले के चश्मदीद गवाह, जयराज और इमैनुएल के दोस्त बताने वाले कई लोगों ने क्विंट को घटनाक्रम के बारे में बताया. इसके मुताबिक, 18 जून को, गश्त पर निकले पुलिसकर्मियों ने जयराज और उनके बेटे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी क्योंकि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान निर्धारित समय से ज्यादा अपनी दुकान खुली रखी थी. हालांकि, इसके बाद दोनों तुरंत दुकान बंद कर अपने घर लौट गए.

अगले दिन, शाम को लगभग 7.45 बजे एसआई बालाकृष्णन अपने कुछ साथियों के साथ जयराज से पूछताछ करने दुकान पर गए थे. इस दौरान दोनों के बीच बहस हुई, जिसके बाद पुलिस ने जयराज को पुलिस वैन में बिठा लिया.

उस दौरान एक दोस्त के साथ दुकान के अंदर मौजूद बेनिस को आसपास के लोगों ने अलर्ट किया, जिसके बाद वह पुलिस से सवाल करने के लिए आगे आया. उसे आगे के स्पष्टीकरण के लिए सीधे पुलिस स्टेशन आने के लिए कहा गया. एक 'प्रत्यक्षदर्शी' ने यह जानकारी दी.

पुलिस स्टेशन पहुंचने पर बेनिस, जिसे दोस्त बेनी कहते थे, स्पष्टीकरण मांगने के लिए अपने पांच से ज्यादा लंबे समय के दोस्तों के साथ अंदर चला गया.

“जब बेनी ने पूछा कि उनके पिता को क्यों गिरफ्तार किया गया है, तो मैंने किसी भी झड़प से बचने के लिए उसे जल्दी से बाहर खींच लिया. तब तक, एक पुलिस वाले को बेनी को अंदर लाने के लिए कहते हुए सुना गया और हम सबको स्टेशन के बाहर खड़ा कर दिया गया.”
राजेश * (बदला हुआ नाम)

बेनिस के दोस्त ने बताया, ''उन्होंने बार-बार बेनी के शरीर के निचले हिस्से पर लाठियां मारीं, जिससे खून बहने लगा. जब उसके पिता ने पुलिस को रुकने के लिए कहा, तो उन्होंने उनके साथ भी ऐसा ही किया. हर जगह से दोनों के काफी खून बह रहा था.''

उस समय मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि अगले दिन सुबह लगभग 7 बजे दोनों को अस्पताल ले जाया गया. पुलिस ने उन्हें कपड़े बदलने के लिए कहा था क्योंकि जो कपड़े उन्होंने पहने थे, वे खून में लथपथ दिख रहे थे.

जयराज के एक दोस्त ने बताया, ‘’जब हमने दोनों को देखा, तो वे खून से लथपथ थे और बुरी तरह से चोटिल थे. फिर अस्पताल में, उनसे कुछ पुलिसवालों ने पूछताछ की. उनमें बोलने की एनर्जी भी नहीं थी. हमने सीट पर एक कंबल डाल दिया था, जहां वे बैठे थे, ताकि वे खून के साथ फिसल न जाएं. ’’

दोस्तों, परिजनों और वकीलों ने आरोप लगाया है कि जयराज और बेनिस को रिमांड पर लेने के लिए जब सथानकुलम पुलिस ने बी सरवनन का रुख किया, तो मजिस्ट्रेट ने आरोपियों के शारीरिक परीक्षण के बिना ही रिमांड का आदेश दे दिया.

इसके बाद दोनों को कोविलपट्टी सब-जेल भेज दिया गया. 22 जून को, बेनी ने सीने में दर्द की शिकायत की थी और उसे एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया था जहां उसने रात को दम तोड़ दिया. उनके पिता का अगले दिन सुबह निधन हो गया.

राजनीतिक दलों ने की कार्रवाई की मांग

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले में पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ''पुलिस की बर्बरता एक भयानक अपराध है. यह एक त्रासदी होती है जब हमारे रक्षक अत्याचारियों में बदल जाते हैं. मैं पीड़ितों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं और सरकार से अपील करता हूं कि वह जयराज और बेनिस के लिए न्याय सुनिश्चित करे.''

इसके अलावा डीएमके सहित कई राजनीतिक दलों ने इस मामले में मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस से इन मौतों की जांच पर रिपोर्ट मांगी है. एक पुलिस अधिकारी ने क्विंट को बताया, ''हम इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं. निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए, हमने दो सब-इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल्स को निलंबित कर दिया है और इंस्पेक्टर का तबादला कर दिया गया है.''

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 27 Jun 2020,11:45 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT