Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Qलखनऊः रोमांचक हुआ कैराना उपचुनाव, अखिलेश के निशाने पर योगी सरकार

Qलखनऊः रोमांचक हुआ कैराना उपचुनाव, अखिलेश के निशाने पर योगी सरकार

पढ़िए- उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें Q लखनऊ में

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
कैराना उपचुनाव के लिए बीजेपी से मृगांका ने भरा नामांकन
i
कैराना उपचुनाव के लिए बीजेपी से मृगांका ने भरा नामांकन
(फोटोः Altered By The Quint)

advertisement

बीजेपी से मृगांका, लोकदल से कंवर हसन का नामांकन

कैराना लोकसभा उपचुनाव में नामांकन के आखरी दिन गुरुवार को बीजेपी की ओर से दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह ने नामांकन किया. एक दिन पहले ही एसपी-बीएसपी-आरएलडी-कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम हसन नामांकन कर चुकी है. दोनों दिग्गज परिवारों की ओर से नामांकन दाखिल होते ही चुनावी महासंग्राम रोमांचक बन गया है.

बीजेपी उम्मीदवार मृगांका के नामांकन दाखिल करने के दौरान बड़ी संख्या में समर्थक और कार्यकर्ता मौजूद रहे.अंतिम दिन छह प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए. विधायक नाहिद हसन ने निर्दलीय प्रत्याशी और उनके चाचा कंवर हसन ने लोकदल से नामांकन दाखिल किया है. गुरुवार को नामांकन समाप्ति तक कुल 16 प्रत्याशियों के पर्चे दाखिल हुए. बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह ने दोपहर 12 बजे नामांकन किया. इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय भी शामली पहुंचे. गुरुवार को दाखिल छह नामांकन में बीजेपी से मृगांका सिंह, बहुजन मुक्ति पार्टी से इंद्रजीत, भारतीय नव क्रांति पार्टी से योगी महेश शर्मा, राष्ट्रीय लोक निर्माण पार्टी से मीर हसन, सर्वजन समता पार्टी से संजीव, लोकदल से कंवर हसन हैं.

पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले बचाने को पुनर्विचार याचिका की तैयारी

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवंटित आवास खाली कराने के लिए नोटिस जारी करने के साथ सरकार बचाव की तैयारी में भी है. न्याय विभाग द्वारा कोर्ट के फैसले का अवलोकन करने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत के बाद नोटिस जारी करने का फैसला लिया गया है. एक-दो दिन में नोटिस जारी कर दिए जाएंगे. उधर, पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी भी है.

गुरुवार को राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारी पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगलों को खाली कराने की उधेड़बुन में लगे रहे. सूत्रों के मुताबिक न्याय विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुपालन कराने के लिए तत्काल नोटिस जारी करने को कहा है. आवंटित आवास को खाली करने के नोटिस के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति भी भेजी जाएगी. राज्य संपत्ति विभाग के नियमानुसार 15 दिन के भीतर आवंटित आवास खाली करने के नोटिस दिए जाते हैं लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्रियों को भवन जल्दी खाली करने के लिए कहा जा रहा है. जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी किए जाएंगे उनमें अखिलेश यादव, मायावती, कल्याण सिंह, मुलायम सिंह यादव, राजनाथ सिंह और एनडी तिवारी शामिल हैं.

कोर्ट ने आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए सरकार से किया जवाब तलब

उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों की समस्या पर संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि वह इस समस्या से निपटने के लिए क्या उपाय कर रही है. कोर्ट ने सीतापुर की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए जवाब तलब किया है.

कोर्ट का मानना है कि यह समस्या केवल सीतापुर ही नहीं बल्कि पूरे राज्य की है. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अब्दुल मोइन की पीठ ने एक स्थानीय वकील की जनहित याचिका पर यह निर्देश दिया. सरकार को कोर्ट के सामने इस मामले में जवाब देने के लिए एक महीने का समय दिया गया है. सुनवाई की अगली तारीख चार जुलाई तय की गयी है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पुलिस के जरिए डर का माहौल पैदा कर रही है योगी सरकार: अखिलेश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर पुलिस की मदद से सूबे में भय का माहौल पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. अखिलेश ने कहा कि अब बीजेपी के लोग तय करते हैं कि किसे इंसाफ मिलेगा और किसे नहीं.

अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पिछले महीने मेरठ में गो तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किये गये नरेन्द्र गुर्जर नामक व्यक्ति की हिरासत में मौत का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन हद से बाहर जाकर अन्याय कर रहा है. बीजेपी पुलिस के माध्यम से पूरे उत्तर प्रदेश के भय का माहौल बना रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दावा करती है कि पुलिस-अपराधी मुठभेड़ से सूबे की कानून-व्यवस्था बेहतर होगी लेकिन ताबड़तोड़ अपराध हो रहे हैं. मुठभेड़ की वारदात पर केवल एसपी और विपक्ष ही नहीं बल्कि मानवाधिकार आयोग भी बार-बार सवाल उठा रहा है. किसी अन्य सरकार को आयोग से मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में उतनी नोटिस नहीं मिलीं, जितनी योगी सरकार को मिल रही है.

इलाहाबादः वकील की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या

इलाहाबाद में कटरा इलाके के मनमोहन पार्क के पास दिनदहाड़े एक वकील की गोली मार कर हत्या कर दी गई. सहकर्मी की हत्या के विरोध में वकीलों ने कचहरी के पास विरोध प्रर्दशन करते हुए आगजनी की. पेशे से वकील राजेश श्रीवास्तव (48) कचहरी जा रहे थे उसी दौरान उनकी हत्या कर दी गयी. गोली लगने के बाद उन्हें स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

यह घटना ऐसे समय में घटी है जब उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक कुंभ कार्यों की समीक्षा के लिए शहर में मौजूद हैं. आक्रोशित वकीलों ने शव को अस्पताल के बाहर चौराहे पर रखकर सड़क जाम कर दिया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरी को हटाने की मांग की. गुस्साए वकीलों ने कचहरी के पास दो मोटरसाइकिलों और एक सिटी बस को आग के हवाले कर दिया. क्षेत्र में तनाव की स्थिति है जिसके मद्देनजर कई थानों की पुलिस और टीएसी की 42 बटालियन बी कंपनी के एक प्लाटून की तैनाती की गई है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT