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Qलखनऊ: नकली शराब कारोबारियों के खिलाफ विधेयक पारित, UPCOCA लटका

उत्तर प्रदेश की बड़ी और अहम खबरें...

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(फोटो: क्विंट हिंदी)

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नकली शराब के कारोबारियों के खिलाफ मृत्युदंड विधेयक पारित

उत्तर प्रदेश विधानसभा ने अवैध और नकली शराब के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ मृत्युदंड और आजीवन कारावास का कड़ा प्रावधान करने वाला एक विधेयक शुक्रवार को पारित कर दिया है. विधेयक में नकली शराब पीने से मृत्यु होने की स्थिति में मृत्युदंड, आजीवन कारावास और जुर्माने (5-10 लाख) का प्रावधान है.

विधेयक में कहा गया कि अगर नकली शराब पीने की वजह से विकलांगता होती है, तो आजीवन कारावास या कठोर कारावास (6-10 साल), जुर्माने (3-5 लाख) की व्यवस्था है.

इसके अलावा विधानसभा ने उत्तर प्रदेश प्रयागराज मेला विधेयक भी पारित कर दिया है. विधेयक पारित होने के साथ ही 14 दिसंबर से शुरू हुआ उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया और अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.

विधान परिषद में पारित नहीं हो सका UPCOCA विधेयक

उत्तर प्रदेश की विधानसभा में विपक्ष के कड़े विरोध के बाद UPCOCA विधेयक को विधान परिषद की कमेटी के पास भेज दिया गया. वहां शून्यकाल के दौरान शुक्रवार को विधेयक पेश किया गया. लंच के बाद इस पर चर्चा शुरू हुई. लेकिन विपक्ष ने विधेयक का कड़ा विरोध जताया. विपक्ष ने इसे काला कानून करार दिया, वहीं सत्तापक्ष ने इसे प्रदेश में संगठित अपराध की कमर तोड़ने वाला बताया.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार इस विधेयक के जरिये यूपीकोका कानून बनाना चाहती है, जो दरअसल धोखा है. सरकार अगर डायल-100 और 1090 सेवाओं को बेहतर बनाए तो यूपीकोका की कोई जरुरत ही नहीं पड़ेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को पुलिस के माध्यम से चुप कराने के लिए विधेयक लायी है.

हालांकि सदन नेता दिनेश शर्मा ने भरोसा दिया कि यूपीकोका का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. ये केवल अपराधियों पर नकेल कसने के लिए लाया जा रहा है. उन्होंने सदन से कई बार आग्रह किया कि इसे पारित किया जाए. लेकिन, सपा, बीएसपी और कांग्रेस सहित विपक्ष के कड़े विरोध और हंगामे के बाद सभापति रमेश यादव ने विधेयक को परिषद की प्रवर समिति को भेज दिया.

यूपी के पूर्व राज्यपाल बी.एल. जोशी नहीं रहे

पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल जोशी(फोटो: फेसबुक)

उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल बनवारी लाल जोशी का शुक्रवार को निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. 81 साल के जोशी काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उनके निधन पर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शोक जताया है.

जोशी का जन्म राजस्थान के नागौर जिले के छोटी काठू गांव में 27 मार्च 1936 को हुआ था. उन्होंने 28 जुलाई, 2009 को यूपी के राज्यपाल पद की शपथ ली थी. जोशी ने दूसरी बार 7 मार्च, 2014 को प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ली थी. वो दिल्ली के उपराज्यपाल, मेघालय और उत्तराखंड के राज्यपाल भी रहे थे.

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि जोशी एक अत्यंत सौम्य, सरल और विद्वान राज्यपाल थे. उन्होंने अपने अनुभव से उत्तर प्रदेश का समय-समय पर मार्गदर्शन किया.

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ध्यान भटकाने की ताकत सिर्फ BJP के पास : अखिलेश

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव(फोटो: IANS)

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बीजेपी और योगी-मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी जनता का ध्यान भटकाने के लिए हमेशा अपनी जेब में ओपीएम की पुड़िया रखती है.

लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर अखिलेश ने कहा कि किसी शब्द का इस्तेमाल कर एक नई बहस छेड़ते हुए जनता का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने की ताकत सिर्फ बीजेपी के पास है.

अखिलेश पार्टी मुख्यालय पर बीएस-4 के अध्यक्ष आर.के. चौधरी और स्वामी ओमवेश को सपा में शामिल कराने के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. अखिलेश ने चौधरी-ओमवेश और उनके साथ सपा में शामिल होने वाले लोगों का पार्टी में स्वागत करते हुए उन्हें बधाई भी दी.

अभिभावक अपने बच्चे की सर्च हिस्टरी पर नजर रखें: दिनेश शर्मा

केशव प्रसाद मौर्य, योगी आदित्यनाथ, दिनेश शर्मा और वैंकेया नायडू(फोटो: PTI)

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि इंटरनेट के जरिए ब्लू व्हेल गेम सीधे बच्चों को अपना निशाना बना रहा है. उन्हें 50 अलग-अलग तरह की चुनौतियां पूरी करके खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, जिसकी अंतिम चुनौती आत्महत्या है. इंटरनेट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, ये गेम दुनियाभर में 100 से अधिक बच्चों की मृत्यु का कारण बन चुका है.

उप मुख्यमंत्री ने आईटी इलेक्ट्रॉनिक विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि किशोर जब ये खेल खेलते करते हैं, तो एडमिनिस्ट्रेटर उनसे कुछ प्राइवेट जानकारी ले लेता है. हर चुनौती पिछली चुनौतियों से अधिक खतरनाक होती जाती है. यदि बच्चा चुनौती को छोड़ना या गेम खत्म करना चाहता है तो एडमिनिस्ट्रेटर प्राइवेट जानकारी सार्वजनिक कर देने या परिवार को हानि पहुंचाने की धमकी देता है.

उपमुख्यमंत्री ने इसके बचाव और सुरक्षा के लिए अभिभावकों को सलाह दी है कि वो बच्चे पर नजर बनाएं रखें और उनकी इंटरनेट सर्च हिस्टरी पर भी नजर रखें.

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Published: 23 Dec 2017,07:22 AM IST

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