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वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार शाम एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरने से मलबे में दबकर कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई. हादसे की चपेट में एक मिनी बस, कार और मोटरसाइकिलें आ गईं. अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है.
यह हादसा मंगलवार शाम चार बजे के करीब वाराणसी - इलाहाबाद की ओर जाने वाले हाईवे पर हुआ. जिला प्रशासन ने बताया कि 9 लोग घायल हुए हैं लेकिन गैर आधिकारिक खबरों के मुताबिक करीब 20 लोग घायल हुये हैं. अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुल निर्माण निगम इस 2261 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण 129 करोड़ की लागत से कर रहा था. फ्लाईओवर का जो हिस्सा गिरा है, उसे तीन महीने पहले ही बनाया गया था. मुख्य परियोजना प्रबंधक एचसी तिवारी और तीन अन्य को देर रात निलंबित कर दिया गया.
सहारनपुर में भीम आर्मी जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन वालिया की मौत की गुत्थी को पुलिस ने घटना के सातवें दिन सुलझा लिया है. पुलिस के मुताबिक, मौत के लिए जिम्मेदार सहारनपुर के रामनगर का ही प्रवीण उर्फ मांडा है. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. घटना के समय सचिन के अलावा कमरे में छह युवक और मौजूद थे, जिसमें एक फरार है, बाकी आरोपियों से पूछताछ चल रही है, प्रवीण की निशानदेही पर तमंचा-खोखा भी बरामद कर लिया गया है.
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में डीआईजी शरद सचान ने बताया कि 9 मई को सचिन वालिया की गोली लगने से मौत हो गई थी. पुलिस ने जांच शुरू की तो घटनास्थल से कई महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे. कुछ ऑडियो भी वायरल हुए थे, जिससे घटना का राजफाश हो गया. प्रवीण ने घटना में प्रयुक्त तमंचा और खोखा भी निहाल के घर (जहां सचिन को गोली लगी थी) से बरामद करा दिया. बताया कि घटना के समय रामनगर में निहाल के मकान में मुख्य आरोपित प्रवीण, सचिन वालिया, गुल्लू, राहुल, शिवम, चैंकी और नितिन मौजूद थे. सभी दो तमंचों में कारतूस डालकर चेक कर रहे थे. तमंचा जब प्रवीण के हाथ में आया तो अचानक ट्रिगर दब गया. गोली सामने बैठे सचिन के होंठ पर लगकर अंदर घुस गई. खून से लथपथ सचिन वहीं गिर पड़ा. जेल जाने से पहले प्रवीण ने मीडिया को बताया कि 9 मई को सचिन ने ही फोन कर उसे निहाल के घर बुलाया था. गोली लगने के बाद सचिन को पहले पास के एक डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर को बताया कि सचिन छत से गिर गया है. डाक्टर ने हाथ खड़े कर दिए तो उसने कमल वालिया को फोन पर बताया कि सचिन को गोली लग गई है.
स्रोतः दैनिक जागरण
सीबीआई के 60 सदस्यों की आठ टीमों ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पर छापा मारा. छापेमारी के दौरान सीबीआई ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए. सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने कई अनुभागों में गहनता से जांच-पड़ताल की. सीबीआई की यह कार्रवाई चार से पांच दिनों तक चलने की उम्मीद जताई जा रही है. इससे आयोग में हड़कंप की स्थिति है.
आयोग के विभिन्न अनुभागों में छापा मारने वाली सीबीआई की सभी आठों टीमों के निशाने पर पीसीएस परीक्षा 2015 ही है. सूत्रों के मुताबिक, सभी टीमें इस परीक्षा से जुड़े अभिलेख ही खंगाल रहीं हैं. इसके अलावा पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल में हुईं कुछ अन्य बड़ी परीक्षाओं के अभिलेख और सीधी भर्तियों से जुड़े अभिलेख भी सीबीआई टीम ने खंगाले.
स्रोतः अमर उजाला
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीएसपी, जहां एक सीट जीतने में कामयाब रही, वहीं एसपी खाता भी नहीं खोल पाई. ये दोनों दल यूपी में एक साथ हैं लेकिन कर्नाटक में दोनों अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरे थे. यहां बीएसपी ने जनता दल सेकुलर के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.
अब चूंकि कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस जनता दल सेकुलर की दोस्ती हो रही है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीएसपी का कांग्रेस के प्रति क्या रुख रहता है.
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ एनआरएचएम घोटाला के मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया है. वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी बीके सिंह ने बताया कि विशेष न्यायाधीश राजेश चौधरी ने सीबीआई को जल्द से जल्द कुशवाहा को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. इसके अलावा मामले की अगली सुनवाई की तारीख 29 मई तय की गई है.
यह मामला 2009-10 में एनआरएचएम के तहत 31.59 करोड़ रुपये की लागत से 515 ‘ फर्स्ट रेफरल यूनिट ' किट और 2050 ‘ इंट्रा यूटेराइन ' डिवाइस किट्स की आपूर्ति में कथित अनियमितता से संबंधित है.
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