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नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान मेरठ में शुक्रवार को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है. आईजी आलोक सिंह ने रविवार को इसकी पुष्टि की.
आईजी आलोक सिंह ने बताया कि मृतकों की पहचान मेरठ के मोहसिन, आसिफ, जहीर, आलिम और दिल्ली के आसिफ के तौर पर हुई है.
मेरठ में शुक्रवार को हुई हिंसा में 35 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे और उनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. इन मामलों में अभी तब 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बाकियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की कोशिश जारी है.
आईजी के अनुसार, मेरठ में फिलहाल इंटरनेट सेवाएं बंद है. ‘सोशल मीडिया लैब’ लगातार भड़काऊ पोस्ट पर नजर रख रही है. इलाके में शांति के लिए थाना स्तर पर शांति कमेटियां भी गठित कर दी गई हैं, जिसमें स्थानीय लोगों को भी शामिल किया गया है.
नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है. एक दिन पहले शनिवार को कानपुर और रामपुर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, विरोध प्रदर्शनों के दौरान 12 दिनों के भीतर 17 लोगों की मौत हो चुकी है.
यूपी पुलिस ने बताया, "नागरिकता कानून को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक / भ्रामक पोस्ट करने के मामले में 76 केस दर्ज किए गए और राज्यभर से 108 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 15,344 सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई है."
पुलिस महानिदेशक सिंह ने कहा, "हिंसा करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ है. उन्होंने आशंका जताई कि हिंसा में एनजीओ और राजनीतिक लोग भी शामिल हो सकते हैं. हम किसी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं करेंगे."
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