Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बदायूं हिरासत में बर्बरता: पुलिस के समझौते पत्र को परिवार ने बताया फर्जी

बदायूं हिरासत में बर्बरता: पुलिस के समझौते पत्र को परिवार ने बताया फर्जी

बदायूं में रेहान को पुलिस ने बाइक चोरी के शक में मई में पकड़ा और उसके साथ हिरासत में कथित तौर पर बर्बरता की गई थी.

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>बदायूं हिरासत में बर्बरता: पुलिस के समझौताे पत्र को परिवार ने बताया फर्जी</p></div>
i

बदायूं हिरासत में बर्बरता: पुलिस के समझौताे पत्र को परिवार ने बताया फर्जी

(फोटो: IANS)

advertisement

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं जिले में 22 साल के रेहान के साथ हुए पुलिस बर्बरता के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. जिस पुलिस ने यह दावा किया था कि रेहान के ऊपर हुए बर्बरता का आरोप शुरुआती जांच में सही पाया गया है, उसी पुलिस ने एक समझौते का पत्र सोशल मीडिया पर डालकर महकमे का पक्ष मजबूत करने की कोशिश की है. 

बदायूं के ककराला निवासी रेहान को पुलिस ने बाइक चोरी के शक में 2 मई को पकड़ा और उसके साथ हिरासत में कथित तौर पर बर्बरता की गई थी.

परिवार का आरोप था कि हिरासत में उसे बिजली के झटके और उसके प्राइवेट पार्ट में भी डंडा डाला गया था. इन सनसनीखेज आरोपों के बाद जिले के आला अधिकारियों ने घटना के तकरीबन एक महीने बाद पांच पुलिसवालों समेत सात लोगों पर मुकदमा लिखते हुए पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया था. रेहान का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है.

अपनी बनाई कहानी में फंसी पुलिस

जनपद पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक पीड़ित परिवार का पत्र साझा किया है, जिसमें लिखा है, "मुझे ककराला चौकी की पुलिस से कोई शिकायत नहीं है. मुझे जब समाज के सभ्रांत नागरिकों ने समझाया तो मुझे समझ मे आया पुलिस के ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार और गलत है." वायरल हो रहे पत्र में रेहान की मां, पिता और भाई के अंगूठे का निशान हैं. पुलिस के द्वारा जारी किए गए पत्र में तीन गवाहों के नाम भी सम्मिलित है.

जब इस पत्र के बारे में पीड़ित रेहान की मां नजमा से बात की, तो सामने आए उन्होंने कोई ऐसा पत्र नहीं दिया है. वो बताती हैं कि पुलिस ने ये पत्र फर्जी तरीके से जारी किया है. परिवार ने कोई अंगूठा नहीं लगाया है, न ही इसके बारे में कोई जानकारी है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पुलिस के दवाब में किसी डॉक्टर ने नहीं किया इलाज

नजमा की मां ने क्विंट हिंदी से बात करते-करते रुंधे गले से बोलीं,

"मेरे बेटे की हालत बहुत खराब है. इस समय मेरा बेटा दिल्ली के पास सिंकदराबाद में भर्ती है. पुलिस के दवाब की वजह से मेरे बेटे को किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. जिला अस्पताल के डॉक्टर भी पुलिस से मिले हुए हैं. इसी लिए मजबूरी में हम लोग सिंकदराबाद में इलाज करा रहे हैं."

रेहान के घर में खाने को नही खाना, पिता खोदते हैं कब्र

नजमा ने बात करते हुए बताया, "रेहान के पिता कब्र खोदकर परिवार का पेट को पालते हैं. इस समय हमारे घर में खाने के लिए अन्न तक नहीं है. गांव और समाज से किसी के घर से रोटियां आती हैं, तो खा लेते हैं." वहीं, नजमा ने दावा किया कि कोई भी पुलिसवाला सस्पेंड नहीं हुआ है, सभी तैनात हैं.

आरोपी अपनी बनाई कहानी में उलझे

जब इस मामले में पुलिस से जानकारी लेने की कोशिश की गई, तो एसएसपी और एडिशनल एसपी का फोन नहीं रिसीव हुआ, जिसके बाद में सीओ दातागंज प्रेम सिंह थापा ने बताया कि जारी किया गया लेटर सीओ बिसौली को दिया गया है और वो ही इस पूरे मामले की विवेचना कर रहे है.

सीओ बिसौली शक्ति सिंह का कहना है कि,

"परिवार की तरफ से मुझे कोई समझौता पत्र नहीं दिया गया, हो सकता है किसी वरिष्ठ अधिकारी या नीचे के अधिकारी को दिया गया हो. आरोपी सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है. कोई भी संबंधित थाने या चौकी पर नहीं है. हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं."

बता दें कि इससे पहले अल्ताफ की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पुलिस ने परिवार का एक बयान और एक पत्र जारी किया था, जिसमें परिवार के लोगों ने बाद में बताया था कि पुलिस ने उनसे जबरदस्ती बयान जारी करवाया था. हालांकि, बदायूं में हुई ये घटना कोई पहली नहीं है. इससे पहले कासगंज पुलिस भी एक ऐसी ही घटना दोहरा चुकी है.

(इनपुट- शुभम श्रीवास्तव)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT