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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सरकार ने बुधवार को अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट पेश किया. सरकार के बजट पर विपक्ष की भी प्रतिक्रिया है, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पूर्व सीएम मायावती दोनों ने ही बजट को लेकर योगी सरकार को घेरा है.
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 23 लाख रुपए का अनुमानित बजट पेश किया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए GSDP में वृद्धि की दर 19 प्रतिशत अनुमानित की गई है. बजट में महिलाओं, किसानों, युवाओं को लेकर कई घोषणाएं की गई है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "आज का बजट उत्तर प्रदेश के सर्वसमावेशी और समग्र विकास के साथ ही आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव को प्रस्तुत करने वाला बजट है."
हालांकि, मायावती से लेकर अखिलेश यादव सहित विपक्ष के अन्य नेताओं ने बजट को लेकर सरकार पर निशाना साधा है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस बार के बजट को ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया है. उन्होंने एक बाद एक ट्वीट के जरिए योगी सरकार से कई सवाल किए हैं. मायावती ने पूछा कि, "क्या इस अवास्तविक बजट से यहां की जनता का हित व कल्याण तथा भारत का ग्रोथ इंजन बनने का दावा पूरा होगा?" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए.
इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि, "यूपी की बीजेपी सरकार अपनी बहुप्रचारित घोषणाओं, वादों व दावों को ध्यान में रखकर यहां महंगाई से त्रस्त लगभग 24 करोड़ जनता की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपन एवं अराजकता आदि से उत्पन्न बदहाली को दूर करने हेतु अपनी कथनी एवं करनी में अन्तर से जनता के साथ विश्वासघात क्यों?"
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बजट पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, "न नौकरी, न रोजगार बस इन्वेस्टमेंट मीट का सपना दिखा रही सरकार." उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार को केवल मेला लगाना आता है. बजट में मुझे नहीं दिखता है कि किसी भी इंडस्ट्रियल पॉलिसी के तहत इन्वेस्टमेंट उत्तर प्रदेश में आ पाएगा. बजट में कोई ऐसा इतंजाम हो तो सरकार बताए.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "ये बजट दिशाहीन दिखाई देता है. इसमें ना आज की समस्याओं का समाधान और ना ही भविष्य के किसी फैसले को आगे लेकर जाने का कोई रास्ता दिखाई देता है. इस बजट ने किसानों, युवाओं, महिलाओं को निराश किया है."
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने ट्वीट किया, "आज का बजट नौकरशाही के नाम, आंकड़ों की बाजीगरी को सलाम!"
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