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कोरोना वायरस संक्रमण के इस भयावह काल में ‘सरकारी आंकड़े Vs जमीनी हकीकत’ पर बहस जारी है. ब्लूमबर्ग की हालिया रिपोर्ट में लखनऊ में हुई कोविड मौतों का उदाहरण है. रिपोर्ट के मुताबिक, 11 अप्रैल से 16 अप्रैल तक लखनऊ में कोरोना वायरस से आधिकारिक आंकड़ों के हिसाब से 145 लोगों की मौत हुई, वहीं शहर के दो मुख्य श्मशान घाटों पर 430 से ज्यादा शवों का दाह संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया.
सिर्फ लखनऊ ही नहीं रिपोर्ट में अलग-अलग राज्यों का जिक्र है. ऐसे में क्विंट हिंदी ने सरकारी आंकड़ों के जरिए ये जाना कि उत्तर प्रदेश के वो कौन-कौन से जिले हैं, जहां पिछले 10 दिनों में (13-22 अप्रैल) सबसे ज्यादा मौतें दर्ज हुईं हैं.
कई शहरों के आंकड़े वहां से आ रही मीडिया रिपोर्ट्स से मैच नहीं करतीं. जैसे, गाजियाबाद में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 13 से लेकर 17 अप्रैल तक कोविड से कोई मौत हुई ही नहीं और ये वही गाजियाबाद है जहां के श्मशान घाटों में भीड़ होने की रिपोर्ट तमाम पब्लिकेशन कर रहे हैं. पिछले 10 दिनों की बात करें तो गाजियाबाद में कोरोना वायरस से कुल 21 ही केस दर्ज हुई हैं.
13 अप्रैल से 22 अप्रैल के बीच लखनऊ के बाद सबसे ज्यादा मौत के मामले कानपुर में सामने आए. इस लिस्ट में इटावा, झांसी, गोरखपुर, रायबरेली जैसे भी शहर शामिल हैं.
अब एक बात ध्यान देने की है कि यूपी में 75 जिले हैं और 13 अप्रैल से 22 अप्रैल के बीच पूरे यूपी में कुल 1321 मौतें हुई, इसका 53 फीसदी सिर्फ इन 10 जिलों से ही रिकॉर्ड की गई हैं.
ये आंकड़े ट्रेंड बता रहे हैं कि हर रोज तेजी से यूपी में कोविड मौत के ये आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. 13 अप्रैल को ये जो 85 था वो 22 अप्रैल को 161 फीसदी बढ़कर 195 पहुंच गया. ये रिपोर्ट तैयार किए जाने तक 23 अप्रैल का आंकड़ा भी जारी हो गया था.
23 अप्रैल को राज्य में 37,238 नए कोरोना केस दर्ज किए गए हैं. कुल एक्टिव केस बढ़कर 2,73653 हो चुका है और राज्य में महामारी की शुरुआत से 23 अप्रैल तक कोरोना की वजह से 10 हजार 737 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है.
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