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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज अपना बजट पेश किया. राज्य के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने प्रदेश के लिए 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ का मेगा बजट पेश किया. उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है.
बजट की प्रमुख बातें
राज्य के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने मजाकिए अंदाज में बजट की शुरुआत की. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत एक शायरी से की. उन्होंने कहा- ''साहिल से मुस्कुरा के तमाशा न देखिए हमने ये खस्ता नाव विरासत में पाई है, बारिश के इंतज़ार में सदियां गुज़र गई उठो जमी को चीर के पानी निकाल लो."
योगी सरकार ने इस बजट में प्रदेश के पांच शहरों को मेट्रो की सौगात दी है. बजट में घोषणा की गई है कि पांच शहरो में मेट्रो का काम चालू होगा. वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर, इलाहाबाद, झांसी में मेट्रो के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है.
जिस तरह से देश के आम बजट में 2019 के लोक सभा चुनाव की झलक दिख रही थी. उसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार के बजट में भी चुनाव की आहट दिख रही है. पंचायती राज स्वच्छ भारत मिशन के तहत 5000 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई है. वहीं श्मशान के लिए इस बजट में 100 करोड़ का प्रवाधान रखा गया है. लघु सिंचाई के तहत 36 करोड़ रुपये और नई औद्योगिक विकास के लिए 500 करोड़ बजट के प्रावधान किए गए हैं.
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बजट में युवाओं का भी खास ध्यान रखा गया है. युवाओं के लिए 250 करोड़ के स्टार्टअप फण्ड की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही सूक्ष्म एवं लघु माध्यम उदगम एक जनपद एक उद्योग के लिए 250 करोड़. मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़ रुपये दीन दयाल ग्रामोद्योग योजना के लिए 10 करोड़ और खादी मार्केटिंग के लिए 20 करोड़ रुपये की बात की गई है.
राज्य के 13 जनपदों में कॉमर्शियल कोर्ट का होगा गठन, वहीं 24 नई स्थाई लोक अदालतों का होगा गठन. कैलाश मानसरोवर भवन गाजियाबाद के लिए 94 करोड़ 26 लाख रुपए.
बाल पुष्टाहार के लिए 3 हजार 780 करोड़ रुपए. 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' के लिए 250 करोड़. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य - प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 291 करोड रुपए की बजट में व्यवस्था है.
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