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Qलखनऊ: चीनी उत्पादन में अव्वल यूपी, दो दिन के दौरे पर राष्ट्रपति

उत्तर प्रदेश की बड़ी और अहम खबरें...

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उत्तर प्रदेश की बड़ी और अहम खबरें...
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(फोटो कोलाज: Quint Hindi)

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यूपी का अंदाज जुदा, दुनियाभर के चुनावों में नंबर 4 पर बनाई जगह

दुनिया में हर साल कई चुनाव होते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा किन चुनावों की होती हैं? ऐसे चुनाव जो दुनिया या किसी देश को बदलने का माद्दा रखता है. इस साल गूगल ट्रेंड ने कुछ ऐसे ही चुनावों की लिस्ट जारी की है.

सीएम योगी आदित्यनाथ(फाइल फोटोः PTI)

खास बात ये है कि इन ट्रेंड्स के मुताबिक, 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भी इस लिस्ट में रहा. पूरी दुनिया में इस चुनाव ने खूब सुर्खियां बटोरी है. ऐसे में इस साल सबसे ज्यादा चर्चा होने वाले चुनावों की लिस्ट में 4 नंबर पर यूपी चुनाव ही रहा.

लिस्ट :

  • फ्रांस के राष्ट्रपति का चुनाव
  • जर्मनी का चुनाव
  • यूके का चुनाव
  • उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव

यहां पढ़ें पूरी खबर

चीनी उत्पादन में यूपी लगातार दूसरे साल देश में अव्वल

उत्तर प्रदेश लगातार दूसरे साल देश का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है. इस साल यानी पेराई सत्र 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में प्रदेश में चीनी का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 16-17 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 101 लाख टन रहने का अनुमान है. पिछले साल प्रदेश में 87 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था. इस साल महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 74 लाख टन रहने का अनुमान है जोकि देश का दूसरा प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य है.

(फोटो: iStock)

चीनी उद्योग का शीर्ष संगठन इंडियन सुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि इस साल चीनी का उत्पादन और खपत तकरीबन एक समान है इसलिए आयात करने की जरूरत नहीं होगी.

उधर, उत्तर प्रदेश के एक मिल संचालक ने कहा कि पिछले साल गन्ना किसानों को समय पर भुगतान होने से किसानों के लिए यह लाभकारी फसल रही है जिसके कारण किसानों ने इसकी खेती में दिलचस्पी ली है. साथ ही, रिकवरी में इजाफा होने से मिलों को भी फायदा हो रहा है. लेकिन बीते कुछ दिनों में चीनी की कीमतों में अप्रत्याशित गिरावट से चीनी मिलों के लिए मुसीबत पैदा हो गई है.

(इनपुट IANS से)

आज से यूपी के दौरे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 15 और 16 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के लखनऊ और इलाहाबाद के दौरे पर होंगे. राष्ट्रपति सचिवालय की प्रेस रिलीज के अनुसार, 15 दिसंबर को राष्ट्रपति लखनऊ में बौद्ध भिक्षु भदन्त प्रज्ञानंदजी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इसी दिन राष्ट्रपति बाबा साहेब भीमराव अम्डेकर विश्वविद्यालय के 7वें दीक्षांत समारोह में शिरकत करेंगे और लखनऊ में अम्बेडकर भवन का उद्घाटन करेंगे.

देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(फाइल फोटो: PTI)

इसके बाद राष्ट्रपति इलाहाबाद पहुंचेंगे और वहां आजाद पार्क में चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति पर माल्यार्पण करेंगे. राष्ट्रपति मोती लाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 14वें दीक्षांत समारोह में भी हिस्सा लेंगे. राष्ट्रपपति 16 दिसंबर को वापस दिल्ली आने से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्याय ग्राम परियोजना का शिलान्यास करेंगे.

(इनपुट भाषा से)

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पूर्व मंत्री प्रजापति की जमानत याचिका खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सामूहिक बलात्कार के आरोपी उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी. न्यायमूर्ति प्रत्यूष कुमार की पीठ ने यह आदेश जारी किया. अपर महाधिवक्ता पी के साही ने अदालत में दलील दी कि अभियुक्त गायत्री प्रजापति ने अपने साथियों के साथ चित्रकूट की रहने वाली एक महिला से सामूहिक बलात्कार किया और उसकी नाबालिग बेटी से भी जबरन शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की, लिहाजा यह मामला बहुत गंभीर है.

इस मामले में एक सत्र अदालत ने प्रजापति की जमानत को मंजूरी दे दी थी लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. हालांकि अदालत ने याची को नई जमानत याचिका दाखिल करने की इजाजत दे दी है. अदालत ने इसी मामले में सह आरोपी विकास वर्मा की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया.

चित्रकूट की रहने वाली एक महिला ने प्रदेश के तत्कालीन काबिना मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके कई साथियों पर सामूहिक बलात्कार और बेटी से ऐसी ही हरकत की कोशिश का आरोप लगाया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पिछली 18 फरवरी को लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. बाद में सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया था.

(इनपुट भाषा से)

यूपीकोका विरोधी आवाज को दबाना चाहती है योगी सरकार: माकपा

उत्तर प्रदेश विधानसभा के वर्तमान सत्र में संगठित अपराधों को रोकने के लिए प्रस्तुत किए जा रहे यूपीकोका विधेयक की भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्‍सवादी (माकपा) ने अलोचना की है.

पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कहा कि प्रदेश में संगठित अपराधों को रोकने के लिए पहले से ही पर्याप्त कानून मौजूद हैं. अगर सरकार में इच्छाशक्ति होती तो उन कानूनों का इस्तेमाल करके ही संगठित अपराधों पर रोक लग चुकी होती.

पार्टी के राज्य सचिव मंडल सदस्य एस.पी. कश्यप ने कहा कि हर मोर्चे पर विफल उत्तर प्रदेश सरकार अपने विरोध में उठने वाली आवाजों का दमन करना चाहती है. इसलिए यह विधेयक ला रही है. उन्होंने कहा कि यूपीकोका विधेयक जब कानून बन जाएगा तो इसका दुरूपयोग प्रदेश में सरकार का विरोध कर रही ताकतों के खिलाफ किया जाएगा. यह जनता के जनवादी अधिकारों पर कुठाराघात करने का काम करेगा.

सचिव मंडल ने मांग की है कि इस विधेयक को पेश करने की बजाय ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए.

(इनपुट IANS से)

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