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चाहे राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार हो. उत्तर प्रदेश पुलिस का भैंसों से पीछा ही नहीं छूट रहा है!
ताजा मामला सीतापुर के हरगांव का है. हरगांव से बीजेपी विधायक के फार्म हाउस से दो भैंसे चोरी हो गयीं. पुलिस के अनुसार विधायक के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामलाल राही ने नगर कोतवाली में इस सिलसिले में रविवार को प्राथमिकी दर्ज करायी है.
राही ने कहा कि उन्होंने मामला दर्ज कराया है और इसका उनके विधायक पुत्र से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि इस मुद्दे को सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खां के साथ घटी ऐसी ही घटना से जोड़कर देखा जा रहा है.
सीतापुर के पुलिस अधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि रविवार देर शाम तक भैंसों का पता नहीं लग सका था, हालांकि पुलिस तलाश कर रही है.
गौरतलब है कि करीब चार साल पहले अखिलेश सरकार के समय में मंत्री रहे आजम खां के रामपुर जिले के फार्म हाउस से भी 7 भैंसें चोरी हो गयी थीं.
इस घटना के बाद 3 पुलिसकर्मियों को लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया था और रामपुर का समूचा पुलिस बल भैंसों का सुराग लगाने में जुट गया था.
पुलिस ने 36 घंटे में भैंसों का पता लगा लिया था और चोरी के अपराध में शामिल तीन लोगों को 18 महीने बाद गिरफ्तार किया गया था. उस दौरान समाजवादी पार्टी की सरकार की बड़ी आलोचना हुई थी. मीडिया में इस सवाल के छा जाने पर विपक्ष पार्टियां उन पर हमलावर हो गई थीं. अब बीजेपी विधायक की भैंसें चोरी होने पर दर्ज कराई गई रिपोर्ट के बाद पार्टी को घेरा जाने लगा है. यूपी में कानून-व्यवस्था को लेकर उठे सवाल के दौरान कहा जाता है कि राज्य में पुलिस बल की कमी है. ऐसे में विधायक या मंत्री की भैंस ढूंढने के लिए पुलिस की तलाशी उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल तो खड़े करती ही है.
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