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उत्तर प्रदेश में 3 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष (Zila Panchayat Adhyaksh) की 53 सीटों पर चुनाव हो रहा है. दरअसल राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 22 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. इनमें से 21 सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हैं.
इस बीच, बलिया में एसपी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच हंगामा देखने को मिला है. बीच-बचाव करने के लिए पुलिस को सामने आना पड़ा. हापुड़ में भी चुनाव को लेकर घमासान देखने को मिला है. कलेक्ट्रेट बैरिकेडिंग पर एसपी नेताओं ने हंगामा किया है.
सोनभद्र में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और मौजूदा जिला पंचायत सदस्य अनिल यादव पुलिस की गाड़ी के सामने लेट गए. उन्होंने पुलिस प्रशासन और चुनाव आयोग के ऊपर धांधली का आरोप लगाया.
समाजवादी पार्टी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर कहा है, ''औरैया के सत्ता परस्त DM का कैमरे के सामने शर्मनाक "कबूलनामा"! जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से ठीक पहले कैमरा खराब कर एसपी प्रत्याशी को जबरन चुनाव हरा देने का ऐलान.''
इसके बाद एसपी ने एक और वीडियो शेयर कर आरोप लगाया, ''मुख्यमंत्री के आदेश पर कन्नौज में जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव मतदान के दौरान पुलिस द्वारा लोकतंत्र की हत्या! जिला पंचायत चुनाव में पुलिस एसपी अध्यक्ष पद प्रत्याशी को मतदान स्थल पर जाने से रोक रही है, निंदनीय!''
वहीं, प्रतापगढ़ में बीजेपी जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी क्षमा के काफिले को पुलिस ने चेकिंग के लिए रोका, तो क्षमा के पति अभय सिंह पप्पन पत्नी के साथ सड़क पर धरना देने बैठ गए. पप्पन ने आरोप लगाया कि राजा भैया की 70 गाड़ियों को जाने दिया गया और हमारी 5 गाड़ियों में शस्त्र की तलाशी ली जा रही थी.
बागपत में सभी 20 जिला पंचायत सदस्यों ने मतदान किया. सभी की नजरें चुनावी अब नतीजों पर टिकीं हैं, कुछ ही देर में मतगणना शुरू हो जाएगी. बीजेपी प्रत्याशी बबली देवी और आरएलडी-एसपी प्रत्याशी ममता किशोर के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है.
जौनपुर जिला पंचायत चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. अपना दल यस की प्रत्याशी रीता पटेल समेत छह जिला पंचायतों ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी, कला रेड्डी को अपना मतदान कर दिया है, वहीं बीजेपी और अपना दल गठबंधन की प्रत्याशी थी रीता पटेल, लेकिन इन्होंने निर्दल प्रत्याशी धनंजय सिंह की पत्नी को मतदान कर दिया है.
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने मंगलवार को बताया था कि प्रदेश के 22 जिलों - सहारनपुर, बहराइच, इटावा, चित्रकूट, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, ललितपुर, झांसी, बांदा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी, पीलीभीत और शाहजहांपुर - में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ है.
उन्होंने बताया था कि राज्य के बाकी 53 जिलों में 3 जुलाई को मतदान होगा, उसी दिन दोपहर तीन बजे से मतगणना शुरू होगी.
निर्विरोध चुनाव वाले 22 जिलों में 21 बीजेपी उम्मीदवारों के अलावा इटावा में समाजवादी पार्टी (SP) की जीत हुई है.
बता दें कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने सोमवार को ऐलान किया था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव नहीं लड़ेगी. ऐसे में अब 53 सीटों में से अधिकांश पर समाजवादी पार्टी और बीजेपी की सीधी टक्कर होने जा रही है.
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हाल के दिनों में बीजेपी और एसपी के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला है. एक तरफ, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर ‘अलोकतांत्रिक’ हथकंडा अपनाने का आरोप लगाया है. वहीं दूसरी तरफ, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पलटवार करते हुए कहा है, ''समाजवादी पार्टी में जहां परिवार ही पार्टी और सरकार रही हो, उसके प्रमुख अखिलेश यादव का लोकतांत्रिक मूल्यों की दुहाई देना, शोभा नहीं देता है.''
इससे पहले, यादव ने एक बयान में आरोप लगाया था, ''बीजेपी ने जिस तरह से जिलों में पंचायत अध्यक्षों के नामांकन अलोकतांत्रिक तरीके से रोके हैं, उससे चुनाव की निष्पक्षता और पवित्रता नष्ट हुई है, यह लोकतंत्र की हत्या की साजिश है.''
वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ''कोविड-19 महामारी के समय अपने घरों में बैठकर सोशल मीडिया पर झूठ और भ्रम फैला कर प्रदेशवासियों को डराने वाले लोग आपदा के समय जनता से दूर रहे और अब जब वे पंचायत चुनावों में भी करारी हार के करीब हैं तो अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘अखिलेश यादव ने हार स्वीकार ली है और जवाबदेही से बचने के लिए अपने जिलाध्यक्षों पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं. समाजवादी पार्टी 2014 से चुनाव दर चुनाव लगातार हार का सामना कर रही है, इसके बावजूद अखिलेश जी अभी ‘वर्क फ्रॉम होम’ में ही व्यस्त हैं.’’
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, 75 जिलों में 159 नामांकन हुए थे, जिनमें से 7 खारिज हो गये थे. 14 नामांकन वापस लिए गए हैं. 22 जिलों में एक प्रत्याशी बचने से निर्विरोध निर्वाचन हुआ है. ऐसे में अब 53 जिलों में 138 के बीच मुकाबला होगा.
(PTI के इनपुट्स समेत)
उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है. बीजेपी को 67 सीटों पर जीत हासिल हुई है, वहीं समाजवादी पार्टी को सिर्फ 5 सीटें मिली हैं. अन्य के खाते में 3 सीटें आई हैं.
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