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उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) का मानसून सत्र (Monsoon session) सोमवार 19 सितंबर से शुरू हो गया है. विधानसभा में मानसून सत्र का पहला दिन ही विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच उठक पठक में बीता. जहां एक ओर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विधानसभा में बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर धरना दिया तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) ने विपक्ष पर तंज कस्ते हुए अपने नेताओं को नसीहत दी कि बेरोजगार विपक्ष को मुद्दे न दें.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन क्या-क्या हुआ और विपक्ष किन मुद्दों पर सरकार को घेरने वाला है, आइए आपको बताते हैं.
समाजवादी पार्टी ने सोमवार 19 सितंबर को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के खिलाफ पैदल मार्च निकाला, जिसमें पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एसपी कार्यालय से लखनऊ में विधानसभा तक मार्च का नेतृत्व किया. हालांकि, भारी पुलिस तैनाती और बैरिकेडिंग के बीच पार्टी नेताओं को बीच में ही रोक दिया गया था. एसपी ने बढ़ती महंगाई, किसानों की समस्याओं और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार के विरोध में इस मार्च का आयोजन किया था.
आगे बढ़ने से रोके जाने के बाद अखिलेश यादव पार्टी के अन्य विधायकों और नेताओं के साथ तख्तियां लेकर बैरिकेडिंग के पास धरने पर बैठ गए और सुबह 11 बजे विधानसभा का मॉक सेशन किया. उन्होंने उन सिटिंग और पूर्व विधायकों के सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा जिनका हाल ही में निधन हो गया था. उन्होंने यह ठीक ऐसे ही किया जैसे विधानसभा के अंदर किया जाता है.
सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद अखिलेश यादव अपने विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ अगले दौर की कार्रवाई की तैयारी के लिए पार्टी कार्यालय लौट गए.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत अरविन्द गिरी के लिए मौन रखा गया. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अरविन्द गिरी के कामों के बारे में विस्तार से बताया. विधासभा में श्रदांजलि सभा के बाद सदन की कार्यावाही कल तक के लिए स्थागित कर दी गई.
उत्तर प्रदेश में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी ने साफ संकेत दिए हैं कि वह सरकार को बढ़ती महंगाई, प्रदेश की कानून व्यवस्था, प्रदेश में बढ़ते अपराध, बेरोजगारी, भ्र्ष्टाचार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बना चुकी है. इसके अलावा यह कुछ ऐसे मुद्दे है जिन पर विपक्ष एकजुट होकर योगी सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है.
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बेरोजगारी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोत्तरी, छात्रों का प्रदर्शन
सूखा और बाढ़ ग्रस्त इलाकों में किसानों की दुर्दशा
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उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह मानसून सत्र 19 सितम्बर से 23 सितम्बर तक चलेगा. इस बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में तीन अहम विधेयक पास होने की उम्मीद है. इसके अलावा तीन अध्यादेश भी सदन से विधेयक के रूप में पास कराए जाने की संभावना है. इनमें उत्तर प्रदेश महर्षि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश 2022, सामान्य भविष्य निधि उत्तर प्रदेश नियमावली 1985 अध्यादेश 2022 व इंटरमीडिएट शिक्षा संशोधन अध्यादेश शामिल हैं. इसी सत्र में माल और सेवा कर (GST) संशोधन विधेयक 2022 पेश किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार 18 सितंबर को कहा था कि, “विपक्ष के पास मुद्दों की कमी है और इसलिए, सदन की कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास करेगा. हमें बेरोजगार विपक्ष को मुद्दे नहीं देना चाहिए और हम जो बोलते हैं उससे सावधान रहना चाहिए.”
इसपर पलटवार करते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने लिखा कि, "यूपी विधानसभा मानसून सत्र से पहले भाजपा का दावा कि प्रतिपक्ष यहां बेरोजगार है, यह इनकी अहंकारी सोच व गैर-जिम्मेदाराना रवैये को उजागर करता है. सरकार की सोच जनहित व जनकल्याण के प्रति ईमानदारी एवं वफादारी साबित करने की होनी चाहिए, न कि प्रतिपक्ष के विरुद्ध द्वेषपूर्ण रवैये की."
बीएसपी सुप्रीमो ने अन्य ट्वीट करते हुए लिखा कि, "यूपी सरकार अगर प्रदेश के समुचित विकास व जनहित के प्रति चिन्तित व गंभीर होती तो उनका यह विपक्ष-विरोधी बयान नहीं आता, बल्कि वे बताते कि जबर्दस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, गड्डायुक्त सड़क, बदतर शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था में नजर आने वाला सुधार किया है व पलायन भी रोका है."
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