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उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग कोरोना वायरस से संक्रमित होते जा रहे हैं. रविवार को संक्रमण के 254 नए मामले सामने आए, जिससे केस की कुल संख्या 6,268 तक पहुंच गई. जानलेवा वायरस की चपेट में आने से अब तक 161 मौतें हो चुकी हैं. राहत की बात यह कि अस्पतालों में इलाज से अब तक 3538 लोग संक्रमण-मुक्त हो चुके हैं.
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के आगरा में अब तक 850, मेरठ में 377, नोएडा में 351, कानपुर शहर में 328, लखनऊ में 327, गजियाबाद में 332, सहारनपुर में 230, फिरोजाबाद में 209, मुरादाबाद में 183, वाराणसी में 149, रामपुर में 148, बाराबंकी में 133, अलीगढ़ में 126, जौनपुर में 126, बस्ती में 124, बुलंदशहर में 106, हापुड़ में 99, सिद्धार्थनगर में 78, गाजीपुर में 77, बिजनौर में 76, बहराइच में 70, प्रयागराज में 69, संभल में 66, रायबरेली में 62, मथुरा में 61, लखीमपुर खीरी में 60, सुल्तानपुर में 60, प्रतापगढ़ में 59, संत कबीर नगर में 59, अयोध्या में 57, अमरोहा में 56, देवरिया में 53, गोंडा में 50, बरेली में 47, मुजफ्फरनगर में 46, कौशांबी में 45, जलौन में 43, अमेठी में 41, पीलीभीत में 41, आजमगढ़ में 40, गोरखपुर में 40, शामली में 40, सीतापुर में 39, इटावा में 38, फतेहपुर में 38, हरदोई में 38 और महराजगंज में भी 38 कोरोना केस सामने आए हैं.
इसी तरह अंबेडकर नगर में 37, बलरामपुर में 36, कन्नौज में 36, बदायूं में 35, झांसी में 32, मिर्जापुर में 31, बागपत में 29, श्रावस्ती में 29, उन्नाव में 26 फरु खाबाद में 25, मैनपुरी में 25, बांदा में 23, भदोही में 23 औरैया में 22, हाथरस में 22, चित्रकूट में 20, चंदौली में 18, शाहजहांपुर में 18, बलिया में 15, कासगंज में 15, मऊ में 15, एटा में 13, कानपुर देहात में 10, कुशीनगर में 9, महोबा में 9, सोनभद्र में 5, हमीरपुर में 4 और ललितपुर में 1 केस सामने आया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि जो भी राज्य चाहता है कि प्रदेश के प्रवासी कामगार उनके यहां वापस आएं, उनको राज्य सरकार से इसकी इजाजत लेनी होगी और उन कामगारों के सामाजिक, कानूनी और आर्थिक अधिकार सुनिश्चित करने होंगे. योगी ने इस बात पर दुख जताया कि कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान कई राज्यों ने प्रवासी कामगारों का उचित तरीके से ध्यान नहीं रखा. उन्होंने कहा, ‘‘ये कामगार हमारे सबसे बड़े संसाधन हैं और हम उन्हें उत्तर प्रदेश में रोजगार देंगे. राज्य सरकार उन्हें रोजगार मुहैया करवाने के लिए एक आयोग गठित करेगी.’’ योगी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध प्रकाशनों ‘पांचजन्य’ और ‘ऑर्गेनाइजर’ से बातचीत में कहा, ‘‘वे हमारे लोग हैं...अगर कुछ राज्य उन्हें वापस बुलाना चाहते हैं तो उन्हें राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी.’’
बीएसपी प्रमुख मायावती पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने रविवार को उन्हें ‘‘ट्विटर बहनजी’’ करार दिया और आरोप लगाया कि वह बीजेपी की भाषा बोलती हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि ‘‘ट्विटर बहनजी’’ जिस तरह की भाषा और ट्वीट का इस्तेमाल कर रही हैं, उससे साफ पता चलता है कि वह बीजेपी का प्रेस नोट बनाकर भेजती हैं, वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सक्रियता पर नाराज महसूस करती हैं.
पुनिया एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. वहीं, कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में दलित समाज पर हमला बढ़ा है लेकिन मायावती के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है.
कांग्रेस की तरफ से मायावती को लेकर ऐसी प्रतिक्रिया तब सामने आई है, जब प्रवासी कामगारों के मुद्दे पर मायावती कांग्रेस को निशाने पर ले रही हैं. उन्होंने 23 मई को ट्वीट कर कहा था, ''बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकारें कांग्रेस के पदचिह्नों पर ना चलकर, इन बेहाल घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके गांवों/शहरों में ही रोजी-रोटी की सही व्यवस्था करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर अगर अमल करती हैं तो फिर आगे ऐसी दुर्दशा इन्हें शायद कभी नहीं झेलनी पड़ेगी.''
बीएसपी ने रविवार को एक प्रेस रिलीज के जरिए प्रवासी कामगारों का मुद्दा उठाया. पार्टी ने कहा, ''जब लाखों प्रवासी मजदूर सरकारी उपेक्षाओं के कारण काफी बुरी हालत में दुखी और व्यथिथ हैं तो ऐसे में इनको लेकर कांग्रेस, बीजेपी और इनकी सरकारों को एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप और घिनौनी राजनीति बंद करके इन भूखे दुखी लोगों की हर तरह से मदद को तत्काल आगे आना चाहिए, वरना देश इन पार्टियों को कभी भी माफ करने वाला नहीं है.''
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