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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. राज्य में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 3071 हो गई है. इनमें से गुरुवार को 73 नए मामले सामने आए हैं.
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के आगरा में अब तक 670, लखनऊ में 237, गाजियाबाद में 116, नोएडा में 193, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर में 292, पीलीभीत में 3, मुरादाबाद में 117, वाराणसी में 77, शामली में 29, जौनपुर में 8, बागपत में 18, मेरठ में 184, बरेली में 11, बुलंदशहर में 57, बस्ती में 36, हापुड़ में 54, गाजीपुर में 6, आजमगढ़ में 8, फिरोजाबाद में 178, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 12, सहारनपुर में 205, शाहजहांपुर में 1, बांदा में 17, महाराजगंज में 7, हाथरस में 9, मिर्जापुर में 3, रायबरेली में 47, औरैया में 13, बाराबंकी में 2, कौशांबी में 2, बिजनौर में 35, सीतापुर में 20, प्रयागराज में 15 और मथुरा में 38 केस सामने आए हैं.
इसी तरह बदायूं में 16, रामपुर में 27, मुजफ्फरनगर में 24, अमरोहा में 32, भदोही में 2, इटावा में 3, कासगंज में 2, संभल में 22, उन्नाव में 3, कन्नौज में 7, संत कबीर नगर में 30, मैनपुरी में 11, गोंडा में 10, मऊ में 1, एटा में 12, सुल्तानपुर में 4, अलीगढ़ में 53, श्रावस्ती में 8, बहराइच में 15, बलरामपुर में 2, अयोध्या में 1, जलौन में 8, झांसी में 15, गोरखपुर में 3, कानपुर देहात में 2, सिद्धार्थनगर में 20, देवरिया में 2, महोबा में 2, कुशीनगर में 2, अमेठी में 3 और चित्रकूट में भी 3 मामले सामने आए हैं.
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण अब तक 62 लोगों की जान जा चुकी है. 1250 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई राज्य सरकारों से कहा है कि वे अपने राज्य में उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों की सूची उपलब्ध कराएं ताकि उनकी वापसी की व्यवस्था की जा सके. सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, सात लाख से ज्यादा प्रवासी राज्य लौट आए हैं और सरकार उन सभी को वापस लाना चाहती है जो अभी भी बाकी राज्यों से वापस लौटना चाहते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर बाकी राज्य सरकारें हमें वापस लौटने के इच्छुक लोगों की सूची देती हैं तो हम उसके अनुसार व्यवस्था करेंगे."
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार हर प्रवासी श्रमिक की चिकित्सा जांच, उसके क्वॉरंटीन में रुकने और उसके बाद उसके घर तक पहुंचने की यात्रा सुनिश्चित करने की व्यवस्था करेगी. लगभग 50,000 मेडिकल कर्मचारी उन श्रमिकों की जांच कर रहे हैं जो राज्य के अंदर आ रहे हैं. हर श्रमिक को घर लौटने से पहले राशन किट और 1,000 रुपये की राशि दी जाएगी.
उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब के बाद पान मसाला के निर्माण, वितरण और बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध को भी हटा लिया है. इस संबंध में आयुक्त, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (एफएसडीए) अनीता सिंह ने आदेश जारी कर दिया है. अनीता सिंह ने कहा है कि इंडियन डेंटल एसोसिएशन यूपी और बाकी की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के 17 सितंबर 2012 के आदेश के अनुपालन में प्रदेश में तंबाकू और निकोटिनयुक्त पान मसाला, गुटखा के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर लगा प्रतिबंध यथावत बना रहेगा. पान मसाला के निर्माण, वितरण और बिक्री में गृह विभाग के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा.
उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने इस पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''लॉकडाउन जनता की जीवन रक्षा और बढ़िया स्वास्थ्य के लिए है, तो फिर शराब, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, पान मसाला आदि नशीले पदार्थों पर छूट क्यों?''
अधिकारियों के मुताबिक, लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के तीन बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण फिर से शुरू कर दिया गया है.
कोरोना संकट के बीच पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण का काम जारी है. यहां काम करने वाले मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने के बाद ही उनको काम पर लगाया जा रहा है और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के फॉर्मूले का भी पालन किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है. लखनऊ से लेकर गाजीपुर तक एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है. करीब 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का 42 फीसदी से ज्यादा निर्माण कार्य पहले ही हो चुका है.
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