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उत्तर प्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस के 412 नए मामले सामने आए, जिससे कुल कन्फर्म केस की संख्या बढ़कर 10,947 तक जा पहुंची. संक्रमण से अब तक 283 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 6344 लोग ठीक हो चुके हैं.
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि ताज नगरी आगरा में 972, मेरठ में 541, गौतमबुद्धनगर में 699, लखनऊ में 468, कानपुर शहर में 540, कानपुर देहात में 33, गजियाबाद में 490, सहारनपुर में 272, फिरोजाबाद में 319, मुरादाबाद में 271, वाराणसी में 243, रामपुर में 205, जौनपुर में 285, बस्ती में 237, बाराबंकी में 179, अलीगढ़ में 213, हापुड़ में 191, बुलंदशहर में 235, सिद्धार्थनगर में 148, अयोध्या में 140, गाजीपुर में 162, अमेठी में 202, आजमगढ़ में 156, बिजनौर में 164, प्रयागराज में 129, संभल में 143, बहराइच में 105, संत कबीर नगर में 145, प्रतापगढ़ में 90, मथुरा में 105, सुल्तानपुर में 102, गोरखपुर में 141, मुजफ्फरनगर में 128, देवरिया में 133, रायबरेली में 92, लखीमपुर खीरी में 76, गोंडा में 86, अमरोहा में 69, अंबेडकरनगर में 93, बरेली में 73, इटावा में 88, हरदोई में 116, महराजगंज में 85, फतेहपुर में 69, कौशांबी में 50, कन्नौज में 103, पीलीभीत में 53, शामली में 51, बलिया में 58, जालौन में 60, सीतापुर में 44, बदायूं में 45, बलरामपुर में 47, भदोही में 74, झांसी में 54, चित्रकूट में 64, मैनपुरी में 84, मिर्जापुर में 38, फर्रुखाबाद में 54, उन्नाव में 54, बागपत में 100, औरैया में 49, श्रावस्ती में 46, एटा में 51, बांदा में 27, हाथरस में 36, मऊ में 62, चंदौली में 30, शाहजहांपुर में 48, कासगंज में 24, कुशीनगर में 54, महोबा में 15, सोनभद्र में 14, हमीरपुर में 12 और ललितपुर में 3 कोरोना केस सामने आ चुके हैं.
उत्तर प्रदेश में 69,000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती से जुड़े एक मामले में राज्य सरकार की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. फैसला 10 जून को सुनाया जाएगा.
हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया. सरकार ने इस अपील को सुनवाई के लिए मंजूर करने और इस मामले में एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि चयन प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस आलोक माथुर की एकल पीठ ने प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर तीन जून को रोक लगा दी थी. जस्टिस माथुर ने चयन प्रक्रिया पर रोक यह कहते हुए लगाई थी कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे, लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है. राज्य सरकार ने इस फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच में एक विशेष याचिका दायर की थी.
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को कनेक्शन देने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है. उन्होंने कहा कि उद्यमियों द्वारा आवेदन किए जाने के तुरंत बाद पावर कार्पोरेशन एक इंजीनियर को बतौर एक्जीक्यूटिव के रूप में इस काम में लगाएगा, उद्यमियों को कनेक्शन के लिए दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. यह कवायद यूपी में योगी सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश लाने की कोशिशों को लेकर की गई है. निवेश के लिए सबसे आधारभूत जरूरतों में पर्याप्त और निर्बाध बिजली है.
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत निवेश मित्र पोर्टल पर जो भी उद्यमी कनेक्शन के लिए आवेदन करेगा ऊर्जा विभाग के अधिकारी खुद उसके आवेदन की कमियों को दूर कराएंगे. हर एक आवेदन पर एक एक्जीक्यूटिव अधिकारी को तैनात भी किया जाएगा. वह अधिकारी समय-समय पर सभी जरूरी कार्रवाई भी पूरी कराने में मदद करेगा.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेटर लिखकर कहा है, ''आपके (अखिलेश यादव) आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मेरी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए दी गई याचिका को वापस कर दिया गया है. इस स्नेहपूर्ण विश्वास के लिए आपका कोटिश: आभार. निश्चय ही यह मात्र एक राजनीतिक परिघटना नहीं है, बल्कि आपके इस तरह के स्पष्ट्र, सार्थक और सकारात्मक हस्तक्षेप से राजनीतिक परिधि में आपके नेतृत्व में एक नव-राजनीतिक विकल्प और नवाक्षर का भी जन्म होगा."
जैसे-जैसे यूपी के विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, यादव परिवार में एकता की अटकलें लगाई जा रही हैं. विधानसभा चुनाव 2017 के पहले यादव परिवार में झगड़ा हुआ था, जिस पर शिवपाल यादव ने लोकसभा चुनाव, 2019 के लिए अलग पार्टी का ऐलान किया था.
एसपी नेता राम गोविंद चौधरी ने 4 सितंबर, 2019 को दल परिवर्तन के आधार पर शिवपाल की सदस्यता रद्द करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर की थी, लेकिन 23 मार्च को प्रार्थनापत्र देकर याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया. चौधरी ने कहा कि याचिका पेश करते वक्त कई जरूरी दस्तावेज और सबूत सौंपे नहीं गए थे, ऐसे में याचिका वापस की जाए. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने याचिका वापस कर दी थी.
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