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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. रविवार को 208 नए मरीजों के साथ कुल केस की संख्या 4464 तक पहुंच गई. अब तक 112 लोगों की जान चुकी है. राहत की बात यह है कि 2636 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं.
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के आगरा में 810, मेरठ में 330, कानपुर नगर में 316, लखनऊ में 295, नोएडा में 269, सहारनपुर में 219, फिरोजाबाद में 200, गाजियाबाद में 188, मुरादाबाद में 159, वाराणसी में 97, हापुड़ में 82, बुलंदशहर में 81, अलीगढ़ में 73, रामपुर में 65, बस्ती में 52, रायबरेली में 51, मथुरा में 48, संभल में 48, सिद्धार्थनगर में 48, बिजनौर में 46, बहराइच में 45, प्रयागराज में 42, जलौन में 40, संतकबीर नगर में 39, प्रतापगढ़ में 37, गाजीपुर में 35, अमरोहा में 34, सीतापुर में 34, शामली में 33, लखीमपुर खीरी में 32, झांसी में 30, बाराबंकी में 29, गोंडा में 29, मुजफ्फरनगर में 29, बागपत में 26, जौनपुर में 26, कन्नौज में 25 केस सामने आए हैं.
इसी तरह बांदा में 21, औरैया में 20, हाथरस में 20, सुल्तानपुर में 20, अमेठी में 18, महराजगंज में 18, बदायूं में 17, बरेली में 17, हरदोई में 17, श्रावस्ती में 17, मैनपुरी में 16, मिर्जापुर में 14, पीलीभीत में 14, अंबेडकरनगर में 13, देवरिया में 13, फरु खाबाद में 13, गोरखपुर में 13, आजमगढ़ में 12, बलिया में 12, बलरामपुर में 12, एटा में 11, फतेहपुर में 9, चंदौली में 8, चित्रकूट में 8, कौशांबी में 8, अयोध्या में 7, भदोही में 7 कानपुर देहात में 7, कासगंज में 7, शाहजहांपुर में 7, उन्नाव में 6, कुशीनगर में 5, इटावा में 4, मऊ में 4, महोबा में 3, ललितपुर में 1 और सोनभद्र में भी 1 केस सामने आया है.
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस द्वारा यूपी सरकार से प्रवासियों से भरी बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने की अनुमति मांगे जाने पर कहा कि बेहतर होगा कि प्रियंका गांधी ये बसें पंजाब और चंडीगढ़ भेज दें, जहां से बड़ी संख्या में यूपी के लोग वापस आ रहे हैं. मायावती ने रविवार को ट्वीट कर कहा, "कांग्रेस नेताओं को भी सबक सीखना चाहिए, क्योंकि पंजाब और चंडीगढ़ से काफी प्रवासी यूपी के मजदूर लोग, सरकार की अनदेखी और उपेक्षा होने की वजह से, यमुना नदी के जरिए भी घरवापसी कर रहे हैं, जिनके साथ कभी भी कोई दुर्घटना आदि हो सकती है. ऐसे में बेहतर होगा कि कांग्रेस पार्टी अपनी 1,000 बसें यूपी भेजने के बजाय, उन्हें पहले पंजाब और चंडीगढ़ ही भेज दें, ताकि वे पीड़ित श्रमिकगण यमुना नदी में अपनी जान जोखिम में डालने के बजाय सड़क के जरिये सुरक्षित यूपी पहुंच सकें."
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दवा की दुकानों के लिए दैनिक आधार पर सर्दी-बुखार और खांसी की दवा खरीदने वाले सभी ग्राहकों के बारे में विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार के इस आदेश से किसी भी ऐसे व्यक्ति का पता चल जाएगा, जिसमें अभी भी कोरोना वायरस के लक्षण होंगे और वह इस बात से अनभिज्ञ होगा.
ड्रग लाइसेंसिंग एंड कंट्रोल अथॉरिटी के कमिश्नर द्वारा जारी आदेश में ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर हर दिन शाम 5 बजे तक जानकारी अपडेट करेंगे.
खरीदारों के नाम, पते और फोन नंबर सहित बुखार, खांसी और सर्दी से संबंधित लक्षणों की जानकारी सीधे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के ई-लिंक पर भेजी जाएगी.
समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने प्रवासी मजदूरों को लेकर योगी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''जिस प्रदेश ने देश को महामहिम दिए, प्रधान जी दिए, उस उत्तर प्रदेश ने अपनी सीमाओं को गरीबों के लिए सील कर दिया है. बिना सड़क प्रवासी मजदूर भला कैसे बिहार, ओडिशा, झारखंड, बंगाल और पूर्वोत्तर जाएंगे. ये हवा-हवाई सरकार कोई हवाई मार्ग ही बता दे. ‘वंदे भारत’ में गरीब वंदनीय क्यों नहीं है?''
इसके अलावा उन्होंने कहा, ''सरकार से आग्रह है कि वो व्यावहारिक फैसले ले- सड़कों पर जो लोग सैकड़ों मील चलकर जहां भी पहुंचे हैं अब वहां से आगे उन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था तुरंत करे. पुलिस बल भी थका और मजबूर है, वो भी एक सीमा से अधिक जन-सैलाब का सामना नहीं कर सकता है.''
औरेया सड़क हादसे के बाद 16 मई को उत्तर प्रदेश के एडिशनल डायरेक्टर जनरल (लॉ एंड ऑर्डर) पीवी रामशास्त्री ने सभी जिलाधिकारियों को उन प्रवासी कामगारों के लिए बसों का इंतजाम करने के निर्देश दिए थे, जो पैदल चलते हुए अपने घरों को लौटते देखे जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 मई को निर्देश दिए थे कि राज्य के सीमा क्षेत्रों में कोई भी प्रवासी कामगार पैदल, अवैध या असुरक्षित वाहन से न आ पाए. उन्होंने कहा कि पुलिस पैदल चलने वालों को जागरूक करते हुए उन्हें रोके.
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