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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता चला जा रहा है. गुरुवार को 480 नए केस का पता चला. इसके साथ ही कुल कन्फर्म केस की संख्या 12,088 तक पहुंच गई है. कुल 7292 लोग संक्रमण से मुक्त चुके हैं. कोरोना वायरस के चलते अब तक 345 लोगों की मौत हो चुकी है.
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि आगरा में 999, मेरठ में 585, गौतमबुद्धनगर में 788, लखनऊ में 512, कानपुर शहर में 604, कानपुर देहात में 40, गजियाबाद में 554, सहारनपुर में 277, फिरोजाबाद में 337, मुरादाबाद में 287, वाराणसी में 257, रामपुर में 242, जौनपुर में 372, बस्ती में 249, बाराबंकी में 195, अलीगढ़ में 236, हापुड़ में 203, बुलंदशहर में 272, सिद्धार्थनगर में 153, अयोध्या में भी 153, गाजीपुर में 169, अमेठी में 215, आजमगढ़ में 164, बिजनौर में 174, प्रयागराज में 136, संभल में 160, बहराइच में 108, संत कबीर नगर में 156, प्रतापगढ़ में 91 और मथुरा में 124, सुल्तानपुर में 108, गोरखपुर में 149, मुजफ्फरनगर में 137, देवरिया में 138, रायबरेली में 104, लखीमपुर खीरी में 81, गोंडा में 109, अमरोहा में 75, अंबेडकर नगर में 94, बरेली में 91, इटावा में 99, हरदोई में 142, महाराजगंज में 89, फतेहपुर में 86, कौशांबी में 54, कन्नौज में 123, पीलीभीत में 74, शामली में 54, बलिया में 60, जालौन में 81, सीतापुर में 45, बदायूं में 48, बलरामपुर में 51, भदोही में 81, झांसी में 67, चित्रकूट में 65, मैनपुरी में 103, मिर्जापुर में 41, फर्रुखाबाद में 59, उन्नाव में 75 और बागपत में 119 कोरोना केस सामने आ चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास की योजनाओं को गति दी जाए, सभी मंडलायुक्त अपने-अपने मंडलों में विकास की योजनाओं की समीक्षा करना शुरू कर दें. यह जानकारी गुरुवार को अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने लोकभवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी.
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी मंडलों में विकास की योजनाओं को गति देना शुरू किया जाए. भारत सरकार की स्कीम के अंतर्गत रोजगार सृजन को लेकर बन रही कार्य योजना की तैयारी कर लें. 15 जून तक एक करोड़ मानव दिवस के सृजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इसके तहत मनरेगा, एक्सप्रेस-वे, हाइवे, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, पेजयल की योजनाओं, वनीकरण सहित सभी विभागों को जोड़कर इस लक्ष्य को प्राप्त करें."
उन्होंने बताया, "आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, मुरादाबाद, कानपुर, फिरोजाबाद, बुलंदशहर, बस्ती, अलीगढ़ और गौतमबुद्ध नगर में स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इन्हीं जनपदों में सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं, इसलिए मुख्यमंत्री का फोकस इन जनपदों पर ज्यादा है. प्रदेश में आए कामगारों और श्रमिकों की स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर पूल टेस्टिंग की गई है. इसमें जो भी पॉजिटिव मिले हैं उनका इलाज किया जा रहा है."
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की शिक्षक भर्ती को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला और कहा कि सरकार की नाक तले सिस्टम में साठगांठ से महाघोटाला होता रहा है. प्रियंका गांधी ने गुरुवार को ट्विटर के जरिए एक चैनल का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "लाखों युवाओं ने परीक्षा दी. लाखों ने नौकरी की आस लगाई. लाखों ने साल भर इंतजार किया. बीजेपी सरकार की नाक तले ये महाघोटाला सिस्टम में बैठे लोगों की साठगांठ से होता रहा. साल भर इसे दबाए रखा. अब सरकार को परीक्षा में शामिल हुए मेहनती छात्रों और सफल हुए लोगों को जवाब देना ही होगा."
69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की काउसंलिंग शुरू होते ही सवालों के विवाद को लेकर हाई कोर्ट के आदेश पर इसे रोकना पड़ा था. सरकार इसके खिलाफ डबल बेंच के पास गई है. इसी बीच प्रयागराज में पकड़े गए गिरोह, आरक्षण पर सवाल जैसे तमाम विवाद खड़े हो गए हैं. विपक्ष इसको लेकर सरकार पर लगातार हमलावर है.
उत्तर प्रदेश में 6 बर्खास्त शिक्षकों को उनके कार्यकाल के दौरान दिए गए 1.37 करोड़ रुपये की वसूली के लिए नोटिस दिया गया है. बीते साल योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा उन्हें नौकरी के लिए फर्जी कागजात का इस्तेमाल करने को लेकर बर्खास्त कर दिया गया था और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
इनमें से एक जेल में है, एक को जमानत मिल गई है, जबकि बाकी चार फरार हैं. इससे पहले भी बहराइच में चार शिक्षकों से 95 लाख रुपये वसूलने के लिए इसी तरह के कदम उठाए गए थे.
जिन शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें एटा के मनोज कुमार (4.8 लाख रुपये), फिरोजाबाद के राम कुमार (13.6 लाख रुपये), संत कबीर नगर के शोभनाथ (33.3 लाख रुपये), गोरखपुर के राजीव उपाध्याय (33.4 लाख रुपये), बलरामपुर के कन्हैया सिंह (32.7 लाख रुपये) और बहराइच के अजीत कुमार शुक्ला (19.1 लाख रुपये) शामिल हैं.
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