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बलिया पेपर लीकः पहले प्रशासन ने किया इनकार, फिर पत्रकारों को ही किया गिरफ्तार

बलिया से अमर उजाला के पत्रकार अजीत ओझा और दिग्विजय सिंह की इस खबर को अखबार ने प्रकाशित किया था

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<div class="paragraphs"><p>पेपर लीक की खबर छापने की सजा- प्रशासन ने ही लिख दी पत्रकारों की तबाही की पटकथा</p></div>
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पेपर लीक की खबर छापने की सजा- प्रशासन ने ही लिख दी पत्रकारों की तबाही की पटकथा

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यूपी में बोर्ड (UP Board Exam) की परीक्षा चल रही हैं, इस बीच बलिया में प्रश्नपत्र लीक (Paper Leak) होने की खबर आई. बलिया से अमर उजाला के पत्रकार अजीत ओझा और दिग्विजय सिंह की इस खबर को अखबार ने प्रकाशित किया, यह खबर ‘संवाद न्यूज एजेंसी’ से प्रकाशित हुई, खबर में बताया गया कि 10वीं का संस्कृत का प्रश्नपत्र मंलगवार, 29 मार्च को था. लेकिन पेपर और उत्तर पुस्तिका दोनों सोमवार रात को ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं.

पेपर सॉल्व मंगलवार को हुए. जिससे प्रश्नपत्र के प्रश्न हुबहू मिलान भी कर रहा था, इसके बावजूद जिला प्रशासन ने प्रश्नपत्र आउट मानने से इनकार कर दिया. वहीं 12वीं कक्षा का प्रश्नपत्र 30 मार्च को था, जो 29 मार्च की शाम से ही वायरल होने लगा. यह खबर अखबार में 30 मार्च को छपी. जिसके बाद आनन-फानन में प्रदेश सरकार ने पेपर लीक होने की बात को माना और बलिया समेत 24 जिलों में परीक्षा को रद्द कर दिया, इस लापरवाही की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने की बात कही गई.

किन-किन जिलों में रद्द हुई परीक्षा?

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बताया कि जिन सेट्स के लीक होने की आशंका थी उनमें बदायूं, शाहजहांपुर, उन्नाव, सीतापुर, ललितपुर, महोबा, जालौन, चित्रकूट, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, गोंडा, गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया, वाराणसी, कानपुर देहात, एटा, आगरा, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, बागपत, और शामली में भेजा गया था, इसीलिए यहां भी परीक्षा रद्द कर दिए गए हैं. बोर्ड ने अब इन जिलों में परीक्षा की नई तारीखों का ऐलान कर दिया है. यहां अब परीक्षा 13 अप्रैल को होंगी.

प्रशासन की कार्यवाही

बलिया प्रश्नपत्र लीक मामले में अभी तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन गिरफ्तार लोगों में पत्रकार दिग्विजय सिंह, अजीत ओझा और एक अन्य पत्रकार मनोज गुप्ता शामिल हैं. बलिया में अमर उजाला के लिए काम करने वाले पत्रकार अजीत ओझा एक वीडियो में बताते हैं,

“पेपर लीक की खबर 30 मार्च को छपने के बाद, हम ऑफिस में बैठे थे, उन्हें डीएम ने फोन कर अंग्रेजी का लीक पेपर व्हाट्सएप पर मांगा. जिसे उन्होंने भेज दिया, इसके कुछ देर बाद उन्हें ऑफिस से पुलिस थाने ले गई."
अजीत ओझा

पुलिस अजीत ओझा को थाना कोतवाली बलिया ले गयी. जिसके बाद स्थानीय पत्रकार भी पुलिस स्टेशन पहुंच गए और ओझा को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. पहले पुलिस ने कहा कि पेपर लीक को लेकर पूछताछ करनी है, फिर कहा कि एसआईटी आ रही है वह पूछताछ करेगी, ऐसे करते-करते शाम हो गई.

अंततः पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. अंग्रेजी प्रश्नपत्र लीक की खबर अमर उजाला ने बलिया पेज पर प्रमुखता से छापी, इस खबर को राष्ट्रीय सहारा ने भी छापा लेकिन उतनी प्रमुखता से नहीं, हालांकि इसके अलावा इस खबर को और किसी संस्थान ने प्रकाशित नहीं किया. 30 मार्च को अजीत ओझा और बृजेश मिश्रा को 156/22 धारा 420, 4/5/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1998 व धारा 66बी आईटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया.

इसके बाद अगले दिन पत्रकार दिग्विजय सिंह, मनोज गुप्ता और अन्य लोगों की गिरफ्तारी की गई. बलिया के तीन सिकंदरपुर और नगरा, बलिया थानों में केस दर्ज हुए हैं. जिसमें अभी तक कुल 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

जगह जगह हो रहा विरोध प्रदर्शन

पत्रकारों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. विभिन्न पत्रकार संगठनों की ओर से राज्यपाल के नाम पांच सूत्रीय पत्रक जिलाधिकारी अरुण कुमार को सौंपा गया. जिसमें मांग की गई कि बलिया के निर्दोष पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को तत्काल रिहा किया जाए और उन पर दर्ज मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए.

मऊ में बलिया पेपर लीक मामले में पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की घटना से मऊ जनपद के पत्रकारों में भी काफी आक्रोश है. पत्रकारों की रिहाई और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिले के पत्रकार लामबंद हैं. सैकड़ों की संख्या में जिले के पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया. पत्रकारों ने राज्यपाल को संबोधित पत्रक जिलाधिकारी को सौंपकर पत्रकारों की जल्द रिहाई और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. इस दौरान पत्रकारों ने बलिया प्रशासन के विरोध में जमकर नारे लगाए.

(इनपुट क्रेडिट - बृजेंद्र दुबे)

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