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उत्तराखंड में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन असली चिंता की बात कोरोना से होने वाली मौतें हैं. अब हाल ये है कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में भी कोरोना वायरस का खतरनाक कहर देखने को मिल रहा है. राज्य के 9 पहाड़ी जिलों में कोविड-19 संक्रमण से मौत का आंकड़ा बढ़ गया है. राज्य के सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीस फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने शनिवार को इस पर चिंता जताई है.
उत्तराखंड के मैदानी जिलों के साथ-साथ पहाड़ी जिलों में भी कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
वहीं अनूप नौटियाल ने कहा कि 15 मार्च से 30 अप्रैल के बीच इन पहाड़ी जिलों में कुल 312 लोगों की मौत हुई थी, जो कि राज्य में कोविड से होने वाली कुल मौतों को 11.9 प्रतिशत थी.
उन्होंने बताया कि राज्य में प्रति लाख आबादी पर 771 एक्टिव केस हैं, जो कि उत्तर प्रदेश की प्रति लाख आबादी की तुलना में 7 गुना अधिक हैं.
SDCF अध्यक्ष के अनुसार, कोरोना की दूसरी लहर से हालात बेहद खराब हुए हैं. जिसके चलते पिछले 8 दिनों में संक्रमण की दर लगातार 20 फीसदी से ऊपर रही है. जबकि पिछले 9 दिनों से रोजाना 100 लोगों की मौत हो रही है.
इससे पहले उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी डेटा के अनुसार, राज्य में प्रति लाख आबादी पर 33 लोगों की मौत हो रही थी, जो कि प्रदेश में सबसे अधिक है और देश में 9वें नंबर पर है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, उत्तराखंड में कोरोना के 79,379 एक्टिव केस हैं और 4426 लोगों की इस महामारी से मौत हो गई है.
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