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उत्तराखंड में जिस ऑलवेदर रोड (Uttarakhand All weather Road) को वरदान माना जा रहा है, उसकी पहली बरसात में ही इसकी पोल खुल गई है. बुधवार, 14 जुलाई को चमोली जनपद के पुरसाडी नामक स्थान पर ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का पुश्ता लगभग पचास मीटर ढह गया. जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं. इसके बाद ऑलवेदर सड़क निर्माण में लगी हिलवेज कंपनी के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद ने मोर्चा खोल दिया.
बता दें कि यह सड़क सामरिक दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है क्योंकि इस मार्ग से सेना की आवश्यक सामग्री बॉर्डर पर पहुंचती है. लेकिन यह सड़क मानसून की पहली ही बारिश में निर्माण की निम्न गुणवत्ता की पोल खोल रही है.
विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री पवन राठौड़ ने मामले में चमोली कोतवाली में लिखित शिकायत दर्ज कर निर्माण में लगी हिलवेज कंपनी के खिलाफ कार्रवाई तथा धन की वसूली की मांग की है.
उन्होंने आगे कहा कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतें आ रही है. उन्होंने शासन प्रशासन से निर्माणाधीन कंपनी हिलवेज के संचालकों से धन वसूली की मांग की है.
स्थानीय निवासी हरीश बिष्ट कहते हैं कि विश्व हिंदू परिषद के मंत्री ने शिकायत दर्ज की है जिसका हम स्वागत करतें है. ऑलवेदर सड़क परियोजना के निर्माण में लगी कंपनियों ने अति कर रखी है. रेत के स्थान पर मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है. जिलाधिकारी को शिकायत भी की लेकिन नतीजा शिफर ही रहा. कंपनी के कर्मचारी कहते हैं कि हम ऊंची पहुंच रखते हैं. हम अपने हिसाब से काम करेंगे.
वही नंदप्रयाग के सुरेन्द्र कहते है कि व्यक्ति ने साहस दिखाया है जो स्वागतयोग्य है. सरकार को कंपनियों से जुर्माना वसूलना चाहिए ताकि गुणवत्ता सही हो सके.
हिलवेज कंपनी के संचालक अजय शर्मा ने बताया कि सड़क का निर्माण बहुत पहले हो गया था. पुश्ते का गिरने का कारण यह हो सकता है कि पानी की लाइन चोक हो गयी होगी जिस कारण पानी का रिसाव हुआ और पुश्ता ढह गया.
(इनपुट- मधुसूदन जोशी)
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