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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) केदारनाथ और बद्रीनाथ के दौरे पर हैं. गुरुवार सुबह करीब 8.30 बजे प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे. यहां उन्होंने करीब 20 मिनट तक पूजा-अर्चना की और भगवान केदारनाथ का रुद्राभिषेक किया. इसके बाद पीएम ने केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया. पीएम ने केदारनाथ धाम में निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के साथ ही शंकराचार्य समाधि स्थल का भी दौरा किया.
पूजा अर्चना के बाद पीएम मोदी ने सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया. इसे पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट भी कहा जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को काफी फायदा होगा. चलिए अब इस प्रोजेक्ट की खासियत बताते हैं.
केदारनाथ रोपवे लगभग 9.70 किलोमीटर लंबा होगा.
11,500 फीट ऊंचाई पर यह दुनिया का सबसे लंबा रोपवे होगा.
रोपवे के जरिए श्रद्धालु सोनप्रयाग से महज 25 मिनट में बाबा के धाम पहुंच सकेंगे.
इस प्रोजेक्ट की लागत 1200 करोड़ से ज्यादा होगी.
केदारनाथ रोपवे गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों जगहों के बीच आने-जाने में मात्र 25 से 30 मिनट का समय लगेगा, जबकि अभी करीब 6 घंटे का समय लगता है. हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा. यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा. यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है. यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा.
रोपवे का शिलान्यास करने के बाद पीएम ने केदारधाम में काम कर रहे मजदूरों से बातचीत की. इसके साथ ही पीएम ने विकास कार्यों का भी जायजा लिया.
इस दौरान प्रधानमंत्री हिमाचली पहाड़ी टोपी और खास चोला डोरा पोशाक में नजर आए. इस पोशाक को हिमाचल के चंबा की एक महिला ने अपने हाथ से बनाया है. हिमाचल चुनावों को देखते हुए मोदी ने इसके जरिए खास संदेश देने की कोशिश की है.
केदारनाथ के बाद पीएम मोदी ने बद्रीनाथ धाम में भी पूजा-अर्चना की. साथ ही बद्रीनाथ में रिवरफ्रंट के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की. इसके बाद पीएम मोदी भारत के अंतिम गांव माणा पहुंंचे. चीन की सीमा पर उत्तराखंड का ये आखिरी गांव है.
प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड को 3400 करोड़ के कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स की सौगात दी है. इसमें गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे, गोविंद घाट- हेमकुंड साहिब रोपवे, जोशीमठ-मलारी नेशनल हाईवे, माणा दर्रा नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स शामिल है. इन प्रोजेक्ट्स से उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही यहां के स्थानीय निवासियों को भी फायदा होगा.
(इनपुट: मधुसूदन जोशी)
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