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वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक तत्काल याचिका दायर कर वाराणसी की एक स्थानीय अदालत द्वारा 8 अप्रैल को सुनाए गए उस फैसले पर रोक लगाने की मांग की है, जिसके तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा पूरे परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण किए जाने की अनुमति दी गई है. सोमवार को दायर अपनी याचिका में प्रबंधन समिति ने कहा है कि इस आदेश को बिना किसी नियम के अवैध ढंग से पारित किया गया है.
इस बीच, सुन्नी वक्फ बोर्ड के द्वारा भी मंगलवार को वाराणसी अदालत के दिए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर की जाएगी. वरिष्ठ अधिवक्ता फरमान अहमद नकवी और सैयद अहमद फैजान द्वारा दायर अंजुमन इंतेजामिया की याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत ने उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 और सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 की संपूर्ण लिखित प्रस्तुतियों और प्रयोज्यता को अनदेखा कर दिया है.
अंजुमन इंतेजामिया के वकील फरमान अहमद नकवी ने कहा, "हमने याचिका दायर की है और अदालत से अनुरोध किया है कि वह तत्काल प्रभाव से इस पर सुनवाई करें क्योंकि मामला गंभीर है." याचिका में कहा गया है कि इस मामले पर इलाहाबाद कोर्ट का फैसला पहले से ही सुरक्षित है, लेकिन वाराणसी की अदालत विपरीत पक्ष की बातों को सुन रही है.
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