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पश्चिम बंगाल में एक बार फिर सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ आमने-सामने हैं. गवर्नर धनखड़ राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने डीजीपी को एक चिट्ठी भी लिखी थी. इसके बाद ममता ने भी राज्यपाल को इसका जवाब दिया था. लेकिन अब एक बार फिर चिट्ठी के जवाब में जगदीप धनखड़ ने चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने ममता से कहा है कि, मुझे उम्मीद है पुलिस का राजनीतिकरण रोकने से आप जरूरी कदम उठाएंगीं.
ममता बनर्जी के 26 सितंबर को लिखे गए लेटर का जवाब देते हुए राज्यपाल धनखड़ ने लिखा कि,
बता दें कि राज्यपाल धनखड़ ने डीजीपी को कानून व्यवस्था को लेकर एक लंबी चिट्ठी लिखी थी, लेकिन डीजीपी की तरफ से दो लाइन का जवाब आया. जिसमें कहा गया कि पुलिस आपके बताए रास्ते का ही पालन कर रही है. इसे लेकर भी धनखड़ ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि, कानून व्यवस्था को लेकर लिखी गई मेरी चिट्ठी के जवाब में एक छोटी सी टिप्पणी करते हुए इसे खारिज कर दिया गया. एक राज्य में सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति को ऐसा जवाब कैसे दिया जा सकता है.
इससे पहले ममता बनर्जी ने राज्यपाल धनखड़ को एक लंबी चिट्ठी लिखते हुए नसीहत दे डाली थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि 'आपको अपने मुख्यमंत्री और उसके मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के अनुसार कार्य करना अनिवार्य है. जो मुख्य रूप से हमारे लोकतंत्र का सार है.' ममता ने राज्यपाल से कहा कि, ‘’शक्तियों की सीमा पार कर मुख्यमंत्री पद की अनदेखी करने और राज्य के अधिकारियों को आदेश देने से दूर रहें.’’ममता ने कहा कि सरकार और सीएम को जनता ने चुना है, जबकि राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया गया है.
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब पश्चिम बंगाल की सरकार और राज्यपाल एक दूसरे पर हमला बोल रहे हों. इससे पहले भी कई मुद्दों को लेकर राज्यपाल धनखड़ ममता बनर्जी की आलोचना कर चुके हैं. साथ ही हर बार ममता की तरफ से उन्हें जवाब भी मिलता रहा है.
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