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PM Modi Meditation: विवेकानंद रॉक मेमोरियल कहां है? जहां ध्यान में लीन हैं पीएम

पीएम नरेंद्र मोदी अंतिम चरण के मतदान से पहले गुरुवार, 30 मई की शाम को तमिलनाडु के कन्याकुमारी के दौरे पर पहुंचे.

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<div class="paragraphs"><p>विवेकानंद रॉक मेमोरियल क्या और कहां है? </p></div>
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विवेकानंद रॉक मेमोरियल क्या और कहां है?

फोटो- Tamil Nadu Tourism

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लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के आखिरी और सातवें चरण के लिए 1 एक जून को मतदान होना है. इसी बीच पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अंतिम चरण के मतदान से पहले गुरुवार, 30 मई की शाम को तमिलनाडु के कन्याकुमारी के दौरे पर पहुंचे जहां प्रधानमंत्री विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे के ध्यान में लीन हो गए.

आइए यहां जानते हैं कि विवेकानंद रॉक मेमोरियल क्या है और पीएम मोदी ने ध्यान- साधना के लिए इसी स्थान को क्यों चुना?

स्वामी विवेकानंद ने यहीं 'विकसित भारत' का सपना देखा था

कन्याकुमारी वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद को भारत माता के दर्शन हुए थे. इसी शिला का स्वामी विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा था. लोगों का मानना है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, वैसे ही यह चट्टान स्वामी विवेकानंद के जीवन में भी खास स्थान रखती है. स्वामी विवेकानंद देश भर में घूमने के बाद यहां पहुंचे और तीन दिनों तक ध्यान किया था और उन्होंने 'विकसित भारत' का सपना देखा था.

पीएम नरेंद्र मोदी ने ध्यान मंडपम से अपना ध्यान शुरू किया है. यह वही जगह है, जहां स्वामी विवेकानंद ने 1892 में ध्यान किया था. रॉक मेमोरियल स्मारक हिंदू दार्शनिक-संत को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया था.

कन्याकुमारी के तट पर तमिल संत तिरुवल्लुवर की अखंड प्रतिमा के पास स्थित इस चट्टान को प्राचीन काल से ही पवित्र स्थान माना जाता रहा है. विवेकानंद रॉक मेमोरियल समिति ने इसे स्वामी विवेकानंद की 24, 25 और 26 दिसंबर 1892 को ध्यान और ज्ञान प्राप्ति के लिए “श्रीपद पराई” की यात्रा की याद में बनवाया था.

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PM मोदी ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल ही क्यों चुना?

चेन्नई के मायलापुर में श्री रामकृष्ण मठ की 125वीं वर्षगांठ के दौरान, पीएम मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार का दर्शन स्वामी विवेकानंद से प्रेरित है. ऐसे में यह कहीं न कहीं चुनावी प्रतिबद्धता दिखाता है. वहीं इसे लेकर धार्मिक मान्यता है कि देवी पार्वती ने यहीं एक पैर पर भगवान शिव की प्रतीक्षा की थी. ऐसी मान्यताएं बीजेपी के धर्म के पक्ष को मजबूत करती है.

इसके अलावा यह जगह भारत का सबसे दक्षिणी छोर है और वही स्थान है, जहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तट रेखाएं मिलती हैं. यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि चुनावी मौसम में ऐसा स्थान चुनना यह दिखाता है कि दक्षिण में परिणाम बीजेपी के लिए कितने अहम हैं.

बता दें, ऐसा पहली बार नहीं है जब नतीजों से पहले पीएम मोदी ने आध्यात्मिक यात्रा की हो बल्कि 2014 से ये सिलसिला बरकरार है. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव परिणामों से पहले, उत्तराखंड में केदारनाथ के पास एक पवित्र गुफा में ध्यान लगाया था जबकि 2014 में वो शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान के लिए गए थे.

विवेकानंद रॉक पर एक नजर

- विवेकानंद रॉक तमिलनाडु के कन्याकुमारी में समुद्र में स्थित एक फेमस टूरिस्ट स्पॉट है. यह जमीन तट से करीब 500 मीटर अंदर समुद्र में दो चट्टानों के ऊपर बना है.

- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह रहे एकनाथ रानडे ने विवेकानंद शिला पर विवेकानंद स्मारक मंदिर बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.

- 2 सितंबर 1970 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. वीवी गिरि ने स्मारक का उद्घाटन किया. उद्घाटन समारोह 2 महीने तक चला था.

- अप्रैल में पड़ने वाली चैत्र पूर्णिमा पर यहां चन्द्रमा और सूर्य दोनों एक साथ आमने-सामने दिखाई देते हैं. इस स्मारक का प्रवेश द्वार अजंता और एलोरा गुफा मन्दिरों के समान है जबकि इसका मण्डपम बेलूर (कर्नाटक) के श्री रामकृष्ण मन्दिर सा है.

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