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बुलंदशहर हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की पत्नी ने इस मामले के 7 आरोपियों के जमानत पर रिहा होने पर दुख जताया है. सुबोध सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने हिंसा के आरोपियों को जमानत मिलने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ये कैसा न्याय है.
सिंह ने कहा कि उनके बच्चे डरे हुए और असुरक्षित हैं. शहीद की पत्नी ने योगी आदित्यनाथ सरकार से आरोपियों की जमानत रद्द कराने की मांग की है.
सुबोध कुमार की पत्नी रजनी ने कहा कि उनके लिए ये सबकुछ काफी दर्दनाक रहा है. जमानत देने के फैसले से वो काफी निराश हैं, उन्होंने पूछा है कि ये फैसला किस आधार पर दिया गया.
शहीद सुबोध कुमार की पत्नी रजनी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आरोपियों की जमानत रद्द कराए जाने की अपील की है.
रिहाई के बाद आरोपियों का फूल माला पहनाकर स्वागत किए जाने के कार्यक्रम से योगी सरकार ने किनारा कर लिया है. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनकी पार्टी या सरकार का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है.
बता दें, आरोपियों का जेल के बाहर 'भारत माता की जय' और 'जय श्री राम' के नारों के बीच वीरों जैसा स्वागत किया गया था. इसका एक वीडियो भी सामने आया है, देखा जा सकता है कि समर्थक आरोपियों को माला पहना रहे हैं और उनके साथ सेल्फी ले रहे हैं.
IANS से बातचीत में मेरठ जोन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभियोजन पक्ष की कोशिशों के बावजूद, हाईकोर्ट ने आरोपियों को जमानत दे दी.
SIT के हेड राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि जमानत मिलने वाले सातों लोग आगजनी के मामले में आरोपी थे, न कि एसएचओ और स्थानीय की हत्या के आरोप में. हत्या के सभी 6 आरोपी अभी भी जेल में ही हैं.
3 दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर के स्याना में हुई हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह शहीद हो गए थे. इस हिंसा में एक स्थानीय युवक सुमित की भी मौत हो गई थी. यह घटना तब हुई, जब उस क्षेत्र में कथित गौ-हत्या के खिलाफ भीड़ उग्र विरोध प्रदर्शन कर रही थी.
गोकशी के संदेह के बाद भीड़ ने हिंसक रूप धारण कर लिया था. इसके बाद उग्र भीड़ की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी. इस हिंसक झड़प में उग्र भीड़ ने पुलिस चौकी समेत कई गाड़ियों को फूंक दिया था.
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