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बुलंदशहर हिंसा के आरोपी रिहा, शहीद की पत्नी ने पूछा-ये कैसा न्याय?

जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद आरोपियों का हुआ ‘ग्रैंड वेलकम’, सरकार ने झाड़ा पल्ला

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बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों का जेल से बाहर निकलने के बाद ग्रैंड वेलकम किया गया था
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बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों का जेल से बाहर निकलने के बाद ग्रैंड वेलकम किया गया था
(फोटो: फेसबुक)

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बुलंदशहर हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की पत्नी ने इस मामले के 7 आरोपियों के जमानत पर रिहा होने पर दुख जताया है. सुबोध सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने हिंसा के आरोपियों को जमानत मिलने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ये कैसा न्याय है.

सिंह ने कहा कि उनके बच्चे डरे हुए और असुरक्षित हैं. शहीद की पत्नी ने योगी आदित्यनाथ सरकार से आरोपियों की जमानत रद्द कराने की मांग की है.

7 आरोपी, जिसमें मुख्य साजिशकर्ता शिखर अग्रवाल भी शामिल है, शनिवार, 24 अगस्त की रात जमानत पर जेल से रिहा किए गए. जेल के बाहर आरोपियों का माला पहनाकर ‘ग्रैंड वेलकम’ किया गया.

सुबोध कुमार की पत्नी रजनी ने कहा कि उनके लिए ये सबकुछ काफी दर्दनाक रहा है. जमानत देने के फैसले से वो काफी निराश हैं, उन्होंने पूछा है कि ये फैसला किस आधार पर दिया गया.

‘छह महीने में उन्होंने क्या ऐसा अच्छा कर दिया कि उन्हें राजद्रोह की धारा से मुक्त किया जा रहा है. शायद ये उस काम को करने की पूर्ति कर रहे हैं, जो आज से 8 महीने पहले नहीं हो पाया था. शायद इनको नेता ही बनना था, इसलिए इस तरह की घटना कराने की कोशिश कर रहे थे. इन्होंने खुद बता दिया कि इस दंगे के पीछे उनका क्या मकसद था. समझने वालों को समझ लेना चाहिए कि ये दंगे किसलिए हुए थे और इनका मकसद क्या था.’
रजनी, शहीद सुबोध कुमार की पत्नी

शहीद सुबोध कुमार की पत्नी रजनी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आरोपियों की जमानत रद्द कराए जाने की अपील की है.

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बीजेपी ने वायरल वीडियो से किया किनारा

रिहाई के बाद आरोपियों का फूल माला पहनाकर स्वागत किए जाने के कार्यक्रम से योगी सरकार ने किनारा कर लिया है. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनकी पार्टी या सरकार का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है.

‘अगर कोई जेल गया है और जेल से छूटकर आया है, और उसका कोई समर्थक या शुभचिंतक उसका अभिनंदन करते हैं, तो इससे न बीजेपी का कोई लेना-देना है न सरकार का. विपक्ष को <b>बात का बतंगड़</b> नहीं बनाना चाहिए. इस प्रकार के विषय में कोई दम नहीं है.’
केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम, उत्तर प्रदेश

बता दें, आरोपियों का जेल के बाहर 'भारत माता की जय' और 'जय श्री राम' के नारों के बीच वीरों जैसा स्वागत किया गया था. इसका एक वीडियो भी सामने आया है, देखा जा सकता है कि समर्थक आरोपियों को माला पहना रहे हैं और उनके साथ सेल्फी ले रहे हैं.

IANS से बातचीत में मेरठ जोन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभियोजन पक्ष की कोशिशों के बावजूद, हाईकोर्ट ने आरोपियों को जमानत दे दी.

SIT के हेड राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि जमानत मिलने वाले सातों लोग आगजनी के मामले में आरोपी थे, न कि एसएचओ और स्थानीय की हत्या के आरोप में. हत्या के सभी 6 आरोपी अभी भी जेल में ही हैं.

बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए थे इंस्पेक्टर सुबोध कुमार

3 दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर के स्याना में हुई हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह शहीद हो गए थे. इस हिंसा में एक स्थानीय युवक सुमित की भी मौत हो गई थी. यह घटना तब हुई, जब उस क्षेत्र में कथित गौ-हत्या के खिलाफ भीड़ उग्र विरोध प्रदर्शन कर रही थी.

गोकशी के संदेह के बाद भीड़ ने हिंसक रूप धारण कर लिया था. इसके बाद उग्र भीड़ की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी. इस हिंसक झड़प में उग्र भीड़ ने पुलिस चौकी समेत कई गाड़ियों को फूंक दिया था.

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Published: 26 Aug 2019,08:45 PM IST

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