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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को आर्थिक और कानूनी मदद देने का ऐलान किया. उन्होंने कहा है कि पुनर्वास तक तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को 6000 रुपये की सालाना मदद दी जाएगी. इसके साथ ही उन्हें राज्य सरकार की तरफ से मुफ्त कानूनी सहायता भी मिलेगी.
साथ ही साथ मुख्यमंत्री योगी ने हिंदुओं को भी चेताया है. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई हिंदू या कोई अन्य पुरुष भी एक पत्नी के रहते हुए, दूसरी पत्नी को लाकर, पहली पत्नी को प्रताड़ित करता है या उसे छोड़ देता है तो उन सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.’
मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यकम (पीएमजेवीके) के तहत लखनऊ में तीन तलाक पीड़ित महिलाओं से बातचीत की. उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं को वक्फ संपत्तियों पर अधिकार दिया जाना चाहिए.
साथ ही उन्होंने कहा कि इन महिलाओं के पुनर्वास के लिए कई कल्याणकारी उपायों की व्यवस्था की जानी चाहिए. इस आयोजन में राज्य भर से लगभग 300 महिलाओं ने हिस्सा लिया.
योगी आदित्यनाथ ने कहा, "शिक्षित महिलाओं को उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरियों में शामिल किया जाना चाहिए, जबकि उन्हें विभिन्न योजनाओं के तहत आश्रय और शिक्षा देने की भी व्यवस्था होनी चाहिए. इन महिलाओं को आयुष्मान भारत योजना या मुख्यमंत्री आरोग्य योजना के तहत कवर किया जाना चाहिए."
आदित्यनाथ ने पीड़िताओं के लिए कल्याणकारी योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा, "समाज के समग्र विकास के लिए उचित योजनाओं को लागू किया जाना चाहिए और किसी भी महिला को उपेक्षित महसूस नहीं करना चाहिए,"
1985 के शाह बानो मामले का हवाला देते हुए आदित्यनाथ ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने पांच बार पिछली सरकारों से तीन तलाक की प्रथा को रोकने के लिए कहा था. लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और धर्मनिरपेक्षता के मुखौटे में इस बुराई के लिए किसी भी कानून को लाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. 22 इस्लामी देशों ने तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह चिंता की बात है कि अब पुरुष तीन तलाक देने के लिए सोशल मीडिया और वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं."
आदित्यनाथ ने कहा, "महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. अगर एक समुदाय को उपेक्षित किया जाता है, तो समाज को विकसित नहीं किया जा सकता है." उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को उन पीड़ितों की समस्याओं पर व्यक्तिगत रूप से गौर करने को कहा, जिन्होंने इस आयोजन के दौरान अपने आवेदन पेश किए.
मुख्यमंत्री ने तीन तलाक पीड़िताओं की पहचान करने और डिविजनल स्तर पर इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा, "चाहे हिंदू हों या मुस्लिम, जो महिलाएं किसी भी तरह के उत्पीड़न का सामना कर चुकी हैं, सरकार उन सभी महिलाओं की मदद करने के लिए तैयार है. सरकार इसे साफ करना चाहती है. यहां तक कि अगर हिंदू पुरुष भी अवैध रूप से दूसरी पत्नी रखते हैं और पहली पत्नी को परेशान करते हैं, तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और कानून के मुताबिक सजा भुगतनी होगी.”
(इनपुट: PTI)
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