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उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही सरकार और संगठन दोनो में बदलाव होने की अटकलें पिछले कई महीने से लगाई जा रही हैं. योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल तो पहले होना था लेकिन निकाय चुनाव की वजह से ये टल गया था.
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि मकर संक्रांति के बाद 20 जनवरी तक योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में बदलाव दिखाई दे सकता है.
सरकार के बाद संगठन में भी बदलाव होगा और कई जिलाध्यक्षों की छुट्टी होगी और कई मोर्चों के अध्यक्ष बदले जा सकते हैं.
दरअसल कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर सरकार, संगठन और आरएसएस के बीच एक मीटिंग हुई थी, जिसमें वरिष्ठ पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबोले और कृष्णगोपाल ने शिरकत की थी. वहीं संगठन की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और दोनों उपमुख्यमंत्री भी मौजूद थे.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में तय हुआ था कि मकर संक्रांति के बाद पहले सरकार की रूपरेखा बदली जाए फिर संगठन का कायाकल्प किया जाए.
नगर निकाय चुनाव में कई गैरजिम्मेदार जिलाध्यक्षों की छुट्टी होनी तय है. इसके अलावा बीजेपी में प्रदेश के सभी मोर्चे के चेहरों में भी बदलाव होने की पूरी संभावना है.
पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक, "मकर संक्रांति के बाद पहले सरकार में बदलाव होगा. इस बदलाव में कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव होने की पूरी संभावना है. उम्मीद ये भी है कि इस बदलाव में पश्चिम और पूरब का मेलजोल बरकरार रखने के लिए एक मंत्री पश्चिमी यूपी से तो एक मंत्री पूर्वांचल से बनाए जाने की पूरी उम्मीद है."
बकौल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, "सरकार में बदलाव के बाद संगठन में भी फेरबदल होगा. कई जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे. खासतौर से ऐसे जिलाध्यक्ष सुनील बंसल के रडार पर हैं, जिन्होंने निकाय चुनाव में अपनी जिम्मेदारियां ठीक से नहीं निभाई. इसके अलावा कई मोर्चे के अध्यक्ष भी बदले जाएंगे"
पार्टी चाहती है कि लोकसभा के चुनाव से पहले अनिल यादव को अध्यक्ष बनाने से समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंधमारी की जा सकती है. लिहाजा पार्टी ने उनको भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है.
बीजेपी की जो नई टीम बनेगी वो पार्टी के प्रदेश महामंत्री सुनील बसंल की पसंद की होगी. बंसल खुद ही चाहते हैं कि पार्टी के वरिष्ठ लोगों को सरकार में शामिल किया जाए. यूपी में बीजेपी की नई पौध तैयार की जाए. इसके लिए वो पिछले एक महीने के भीतर यूपी के कई विभाग प्रचारकों के साथ उनकी बैठकें हो चुकी हैं. इन प्रचारकों ने अपनी तरफ से नाम भी सुझाए हैं जिस पर जल्द अमल होने की पूरी संभावना है.
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