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उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और बागपत जिले से पिछले कुछ दिनों से लगातार हलचल सामने आ रही है. पहले आरएलडी प्रत्याशी के बीजेपी में जाने और फिर वापस आने का घटनाक्रम और अब 29 जून को बड़ी चूक सामने आई है. एक महिला ने खुद को आरएलडी प्रत्याशी ममता किशोर बताते हुए नामांकन वापस ले लिया. प्रशासन ने उसे असली प्रत्याशी समझ नामांकन वापसी की बात की तो आरएलडी कार्यकर्ता भड़क गए.
आरएलडी और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कुछ घंटे तक कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन भी किया. इसके बाद ममता किशोर और उनके पति का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वो कह रहे हैं कि वो बागपत से दूर राजस्थान में हैं तो आखिर नामांकन वापस कैसे लिया जाए सकता है. इस वीडियो में ममता किशोर के पति की तरफ से चेतावनी भी दी गई कि अगर नामांकन वापस लिया गया तो वो आत्मदाह कर लेंगे.
पूरे प्रदेश में चुनाव की बात करें तो 22 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. बाकी के 53 जिलों में वोटिंग 3 जुलाई को होगी. पंचायत चुनाव में एक तरह जहां समाजवादी पार्टी को बढ़त मिलती दिख रही थी, जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी का दावा है कि ज्यादातर सीटें पार्टी जीत रही है. वहीं समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है. बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने इन चुनावों से दूरी बनाने का ऐलान कर दिया है हालांकि, मायावती ने भी इन चुनावों को निष्पक्ष नहीं बताया है. कांग्रेस भी ऐसे ही आरोप लगा रही है.
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