advertisement
मेट्रो के आगे कूदकर आत्महत्या करने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। बुधवार के दिन मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन पर एक शख्स ने मेट्रो के आगे कूदकर जान दे दी। आत्महत्या करने की इस तरह की घटनाएं मेट्रो स्टेशन पर लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। इसको लेकर एक सवालिया निशान खड़ा हो गया है कि दिल्ली मेट्रो एक सुसाइड प्वॉइंट भी बनता जा रहा है। जबकि डीएमआरसी प्रशासन और सुरक्षाकर्मी भी इस तरह की घटनाएं ना हो उसके लिए भरपूर प्रयास करते हैं व मुस्तैद रहते हैं।
डीएमआरसी प्रशासन की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है कि सुरक्षाकर्मियों की तरफ से सभी मेट्रो स्टेशन पर ऐसे लोगों पर नजर रखी जाती है, जो असामान्य नजर आते हैं। मेट्रो पर तैनात सुरक्षाकर्मी पूरी कोशिश करते है कि कोई अप्रिय घटना ना हो।
आपको बता दें कि दिल्ली के मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन पर बुधवार दोपहर 2:30 बजे के करीब मेट्रो ट्रेन के आगे कूद कर एक शख्स ने आत्महत्या कर ली थी। मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन ब्लू लाइन से कश्मीरी गेट की तरफ जाने वाली वॉयलेट मेट्रो लाइन पर बिहार के रहने वाले एक शख्स शख्स ने छलांग मार दी।
अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि डीएमआरसी प्रशासन की ओर से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कुछ इंतजाम है। डीएमआरसी प्रशासन का कहना है कि आत्महत्या जैसी घटनाएं बहुत दुखद है। आत्महत्या जैसी घटनाएं मेट्रो स्टेशन पर ना हो, इसके लिए डीएमआरसी प्रशासन भी मुस्तैद रहता है। सुरक्षाकर्मियों की नजर ऐसे संदिग्ध लोगों पर रहती है। जिनका व्यवहार सामान्य लोगों से कुछ अलग होता है और कंट्रोल रूम से भी सीसीटीवी कैमरे के जरिए ऐसे लोगों पर नजर रखी जाती है। फिर भी अगर अचानक से यात्री रेलवे ट्रैक के आगे कूद जाता है, तो ऐसी स्थिति बहुत खतरनाक हो जाती है। फिर भी सुरक्षाकर्मी और डीएमआरसी प्रशासन हर संभव कोशिश करते हैं कि इस तरह की घटनाएं मेट्रो स्टेशन पर या कहीं भी ना हो।
कुछ ही दिन पहले वैशाली में सीआईएसफ जवानों की मुस्तैदी की वजह से एक व्यक्ति को आत्महत्या करने से रोका गया था। और भी बहुत ऐसे उदाहरण है जिसमें समय रहते सुरक्षा कर्मियों ने अप्रिय घटनाओ को होने से बचाया है। इसके अलावा प्लेटफार्म पर बने येलो लाइन से पहले यात्रियों को खड़ा रहने की विशेष हिदायत दी जाती है। लेकिन कम समय में किसी व्यक्ति द्वारा खुद को मेट्रो ट्रेन के सामने अगर ला दिया जाता है, तो इस प्रकार की स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण बन जाती है।
--आईएएनएस
एमजीएच
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)