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वीओए ने बताया कि रैली के प्रतिभागियों ने हम काम, रोटी और आजादी चाहते हैं के नारे लगाए। तालिबान बलों ने सरकार विरोधी रैली का हिंसक जवाब देने से पहले अफगान राजधानी में शिक्षा मंत्रालय की ओर मार्च किया था।
एक बैनर में लिखा था, 15 अगस्त एक काला दिन है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि आसपास की दुकानों में शरण लेने वाली कुछ महिला प्रदर्शनकारियों का पीछा किया गया और सुरक्षा बलों ने राइफल की बटों से पीटा।
रैली के सोशल मीडिया वीडियो में भारी गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है, जिसमें तालिबानी पुरुष महिला प्रदर्शनकारियों पर हमला कर रहे हैं। वीओए ने बताया कि उन्होंने हिंसक रूप से अफगान पत्रकारों को रैली को कवर करने से भी रोका।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने शांतिपूर्वक विरोध कर रही महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए तालिबान द्वारा अत्यधिक बल के कथित उपयोग के बारे में ट्विटर पर चिंता व्यक्त की।
तालिबान अधिकारियों ने आरोपों पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की।
तालिबान ने पिछले 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थित अफगान सरकार से अफगानिस्तान का नियंत्रण बलपूर्वक ले लिया था। अमेरिका के नेतृत्व वाले और नाटो सहयोगियों ने तालिबान के साथ लगभग 20 वर्षों के युद्ध के बाद देश से अपने सैनिकों को वापस ले लिया।
--आईएएनएस
आरएचए/एएनएम
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