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तमिलनाडु पुलिस ने राज्य में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यालयों को सील करना शुरू कर दिया है। हाल ही में मुख्य सचिव वी. इराई अंबू ने पॉपुलर फ्रंट और उनके सहयोगी संगठनों को गैरकानूनी संघ करार देते हुए एक अधिसूचना जारी की थी।
तमिलनाडु राज्य सरकार ने भी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत शहरों में पुलिस आयुक्तों और अन्य क्षेत्रों में जिला कलेक्टरों को शक्तियां सौंपी हैं।
एक आदेश में, तमिलनाडु के मुख्य सचिव वी. इरई अंबू ने कहा, तमिलनाडु के राज्यपाल को मिले अधिकार के कानून के तहत प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ शहरों में पुलिस आयुक्तों और जिला कलेक्टरों द्वारा कार्रवाई की जा सकती है।
विशेष रूप से, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के फ्रंटल संगठन, जिन्हें पांच साल के लिए काम करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, उनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन, नेशनल विमेंस फ्रंट, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब फाउंडेशन, केरल जूनियर फ्रंट और एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन शामिल है।
मुख्य सचिव के आदेश के बाद तमिलनाडु पुलिस ने जिला कलेक्टरों के साथ प्रतिबंधित संगठन के कार्यालयों को सील करना शुरू कर दिया है।
कुछ जिलों में कार्यालयों को सील कर दिया गया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ता शांत हैं और कोई विरोध नहीं हुआ है, क्योंकि जो लोग पीएफआई के लिए नारे लगा रहे हैं, उनके खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज किया जा रहा है।
केरल में, कुछ पीएफआई कार्यकर्ताओं को नारे लगाने के बाद यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया। उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया।
--आईएएनएस
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