advertisement
तेलंगाना (Telangana) के वारंगल के काकतीय मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया विभाग में PG फर्स्ट ईयर की छात्रा डॉ. डी प्रीति के पिता डी नरेंद्र ने कहा, "उस रात मैंने अपनी बेटी से बात की थी, वह खुश लग रही थी और कहा कि वह रात की ड्यूटी पर थी."
27 फरवरी को जनगांव में उनके अंतिम संस्कार के बाद मीडिया से बात करते हुए, नरेंद्र ने कहा कि उनकी बेटी की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि एक हत्या है. उन्होंने मीडिया से कहा, "अगर इसकी ठीक से जांच की जाए तो यह खुलासा होगा कि यह एक हत्या है."
प्रीती की मौत उसके कथित आत्महत्या के प्रयास की रात के बारे में कई सवाल उठाती है. ऐसे में आईये आपको बताते हैं कि अब तक इस मामले में क्या हुआ है.
तीन बहनों में सबसे छोटी प्रीति ने नलगोंडा के कामिनेनी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई पूरी की. उसने काकतीय मेडिकल कॉलेज में नवंबर 2022 में PG में दाखिल लिया था. प्रीति के परिवार ने आरोप लगाया कि 90 दिनों से अधिक समय तक सैफ (27) ने उसकी रैगिंग की. हालांकि, वह उसके खड़ी हुई और कॉलेज के प्रिंसिपल के साथ मामले को उठाया.
अब वायरल हो रहे एक कथित ऑडियो क्लिप में, प्रीति को अपनी मां को यह कहते हुए भी सुना जा रहा है कि उनके विभाग के प्रमुख ने उनसे पूछा कि उन्होंने प्रिंसिपल को मामले की सूचना क्यों दी. उसे यह भी कहा कि सैफ द्वारा परेशान किए जाने वाली वह अकेली नहीं थी.
22 फरवरी के शुरुआती घंटों में, प्रीति वारंगल में एमजीएम अस्पताल के स्टाफ रूम के अंदर बेहोशी की हालत में पाई गई, जहां वह रात में काम कर रही थी. उसी दिन, उसे हैदराबाद के NIMS में भेजा गया था.
दो दिन बाद वारंगल पुलिस ने एनेस्थीसिया विभाग में सेकेंड ईयर के छात्र सैफ को गिरफ्तार कर लिया. उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और रैगिंग विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.
26 फरवरी को NIMS में उसकी मौत के बाद, कई छात्र संगठनों ने उसके लिए न्याय की मांग करते हुए अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए गांधी अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस को भी रोकने की कोशिश की.
प्रीति को कॉल करने के कुछ घंटों बाद, नरेंद्र को उसके एक सहकर्मी का वॉइस मैसेज मिला जिसमें कहा गया था कि वह बेहोश हो गई है. फिर उन्होंने पूछा कि क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि उसने खाना नहीं खाया है.
उन्होंने मीडिया से कहा, "कभी-कभी वह खाना छोड़ देती थी. कभी-कभी अगर मेस बंद हो जाता तो मैं उसे खाना भेज देता था."
नरेंद्र ने दावा किया कि प्रीति खुद को नहीं मार सकती थी. उन्होंने कहा, "वे कह रहे हैं कि इस बात के सबूत हैं कि उसने अपने द्वारा खाए गए पदार्थ को अपने फोन पर खोजा था. लेकिन जब हम अस्पताल में उसके साथ थे, तो उसका फोन अनलॉक था." उन्होंने कहा कि किसी ने उसके फोन का इस्तेमाल कर नकली हिस्ट्री बनाई.
नरेंद्र ने मांग की कि केएमसी में एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी (HOD) को निलंबित किया जाए और उनकी बेटी की मौत की जांच सिटिंग जज से कराई जाए.
इस बीच, वारंगल के पुलिस आयुक्त एवी रंगनाथ ने कहा कि सैफ के खिलाफ प्रीति की शिकायत पर कॉलेज प्रबंधन ने कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि कॉलेज के प्रिंसिपल ने सैफ और प्रीति से बात की और उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया.
पुलिस कमिश्नर ने कहा "प्रबंधन ने शिकायत पर कार्रवाई की और इस बिंदु पर निष्क्रियता के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता. जांच के दौरान, अगर हमें पता चलता है कि उन्हें उत्पीड़न के बारे में पता था और फिर भी उन्होंने इस पर कार्रवाई नहीं की, तो हम उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे."
तेलंगाना में BJP ने इस घटना के लिए एक सांप्रदायिक कोण को जिम्मेदार ठहराया है. TNIE के अनुसार राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के टी रामा राव ने 27 फरवरी को कहा कि चाहे वह "सैफ या संजय" हो, सरकार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. "
इस बीच, सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता ने 28 फरवरी को प्रीति के परिवार को एक खुला पत्र लिखकर आश्वासन दिया कि उनकी बेटी को न्याय मिलेगा.
प्रीति का अंतिम संस्कार 27 फरवरी को उनके गांव जनगांव में हुआ. उसके अंतिम संस्कार में राजनीतिक और जाति संगठनों के कई नेता मौजूद थे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)