advertisement
त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पीयूष कांति बिस्वास, जिन्होंने शनिवार को इस्तीफा दे दिया था और राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी, ने पार्टी आलाकमान के अनुरोध के बाद अपना इस्तीफा वापस ले लिया है।
कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और पार्टी के त्रिपुरा प्रभारी अजय कुमार ने विश्वास से बात की और उनसे अपना इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया। कुमार ने बिस्वास से बात करने के बाद एक बयान जारी कर कहा कि वह 29 अगस्त को त्रिपुरा का दौरा करेंगे और पार्टी के सांगठनिक मामले को सुलझाने के लिए उनसे चर्चा करेंगे।
बिस्वास ने आईएएनएस को बताया, कुमार के साथ मेरी चर्चा के दौरान, यह तय हुआ कि मैं त्रिपुरा में पार्टी को फिर से जीवंत करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा करने के लिए दिल्ली जाऊंगा।
जाने-माने वकील बिस्वास ने शनिवार सुबह पार्टी अध्यक्ष (अंतरिम) सोनिया गांधी को अपना त्याग पत्र भेजा और फिलहाल राजनीति से दूर रहने की घोषणा की।
पूर्व राज्य प्रमुख के पार्टी छोड़ने के बाद दिसंबर 2019 में त्रिपुरा राज्य अध्यक्ष नियुक्त किए गए बिस्वास का इस्तीफा ऐसे समय पर सामने आया, जब अखिल भारतीय महिला कांग्रेस प्रमुख सुष्मिता देव ने भी हाल ही में पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने जैसा बड़ा कदम उठाया है। देव के अलावा बिस्वास भी पार्टी छोड़ने का मन बना चुके थे।
देव ने सिलचर में मीडिया से कहा कि उन्होंने और बिस्वास ने फोन पर बात की और कांग्रेस के कमजोर संगठनात्मक मामलों और त्रिपुरा की राजनीति पर चर्चा की।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि बिस्वास नाराज थे, क्योंकि पार्टी आलाकमान ने बार-बार अनुरोध करने के बावजूद राज्य के नेताओं को जिला और ब्लॉक स्तर की संगठनात्मक समितियों के पुनर्गठन की अनुमति नहीं दी थी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर करने से इनकार करते हुए कहा, 2016 के बाद से जिला और ब्लॉक स्तर की समितियां निष्क्रिय बनी हुईं है और राज्य समिति के कई नेता भी सक्रिय नहीं हैं।
त्रिपुरा राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन, जिन्हें राहुल गांधी के करीबी दोस्त के रूप में भी जाना जाता है, ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के मुद्दे पर 2019 में पार्टी छोड़ दी थी और बाद में उन्होंने एक आदिवासी आधारित पार्टी टिप्रा मोथा का गठन किया था।
बिस्वास पूर्वोत्तर राज्यों - असम, मणिपुर और त्रिपुरा में पांचवे महत्वपूर्ण कांग्रेस नेता हैं - जो पिछले तीन महीनों में पार्टी छोड़ने के इच्छुक के तौर पर देखे गए हैं।
चार बार के कांग्रेस विधायक और असम के प्रमुख चाय बागान क्षेत्र में पकड़ रखने वाले नेता रूपज्योति कुर्मी और दो बार के असम कांग्रेस विधायक सुशांत बोरगोहेन ने हाल ही में पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे। मणिपुर में, राज्य पार्टी अध्यक्ष, गोविंददास कोंथौजम, छह बार के विधायक और पूर्वोत्तर राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में पूर्व मंत्री, ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और पिछले महीने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं।
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)