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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत की युवा टेबल टेनिस खिलाड़ी अहिका मुखर्जी ने यहां आयोजित आईटीटीएफ चैलेंज बेल्जियम ओपन 2018 में शानदार सफलता अर्जित करते हुए रजत पदक जीता। अहिका को शुक्रवार को अंडर-21 महिला एकल वर्ग में यह पदक प्राप्त हुआ। इसके अलावा एंथोनी अमलराज और सानिल शेट्टी की अनुभवी जोड़ी ने पुरुष युगल में कड़े संघर्ष के बाद कांस्य पदक अपने नाम किया।
एंथोनी और सानिल ने अपने बेल्जियाई प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ धीमी शुरुआथ की। पहला गेम भारतीय जोड़ी ओलाव कोसोलोवस्की और लॉरेंस डेवोस के खिलाफ 10-12 से हार गई। इसके बाद भारतीय जोड़ी ने शानदार वापसी करते हुए दूसरा गेम 15-13 से जीतने में सफल रही। भारतीय जोड़ीदारा इसका बाद हालांकि रुके नहीं और अगले दो गेम 11-9, 11-6 से अपने नाम करने में सफल रहे।
क्वार्टर फाइनल में भी भारतीय जोड़ीदारों को जीत हासिल करने के लिए अपना पूरा दमखम लगाना लगाना पड़ा। इस बार उनके सामने स्विडिश जोड़ी थी। विक्टर ब्रोड और साइमन बेर्गलुंड के खिलाफ एंथोनी और सानिल ने 3-1 से जीत हासिल की। इस जोड़ी ने पहला गेम जीता लेकिन दूसरे गेम में हार के बाद यह अपना श्रेष्ठ देने में सफल रही और मुकाबला अपने नाम कर सेमीफाइनल में जगह पक्की की।
सेमीफाइनल में एंथोनी और सानिल का सामना दक्षिण कोरिया के सेयुंगमिन चो और जाहयुन अन से हुआ। यह जोड़ी यह मैच हालांकि 6-11, 7-11, 8-11 से हार गई और कांस्य पदक जीतने में सफल हुई।
अंडर-21 कटेगरी में अहिका ने राउंड-32 में पोलैंड की नतालिया बाजोर के खिलाफ शानदार शुरुआत और 3-1 से जीत हासिल की। भारत की ही श्रीजा अकुला ने बेलारूस की अलिना निकितचानाका को 3-0 से हराया लेकिन अर्चना कामत औ्र मौमिता दास को हार मिली।
प्री-क्वार्टर फाइनल में अहिका ने फ्रांस की अउदेरे जारिफ को 3-0 से हराया। श्रीजा हालांकि कोरिया की युजिन किम के हाथों हार गईं। किम ने आगे जाकर इस कटेगरी का स्वर्ण अपने नाम किया।
अहिका ने क्वार्टर फाइनल में जापान की सात्सुकी ओडो के खिलाफ शानदार खेल दिखाया और शुरुआती दो गेम 11-9, 11-9 से अपने नाम किया। इसके बाद तीसरे गेम में वह 4-11 से हार गईं। इसके बाद अहिका ने हालांकि अपना खोया आत्मविश्वास फिर से हासिल किया 11-4 से यह गेम अपने नाम करते हुए सेमीफाइनल का टिकट कटाया।
सेमीफाइनल में वह हांगकांग की चेंगझू झू के खिलाफ पहला गेम 6-11 से हार गईं लेकिन इसके बाद उन्होंने शानदार वापसी करते हुए 11-3, 11-7 और 11-8 से जीत हासिल की और फाइनल का टिकट टकाने में सफल रहीं।
फाइनल में कोरिया की किम के खिलाफ अहिका ने बहादुरी भरा प्रदर्शन किया लेकिन वह 1-3 से हार गईं। वह बेशक स्वर्ण पदक से चूक गईं लेकिन अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर रजत अपने नाम करने में सफल रहीं।
(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)
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