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उदयपुर (Udaipur) मे हुए जघन्य अपराधों की बड़े स्तार पर निंदा हो रही है. अजमेर (Ajmer) दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने भी उदयपुर की घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म मानवता के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा नहीं देता है. हम देश में तालिबानी कल्चर नहीं आने देंगे, चाहे जान ही चली जाए.
सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने कहा कि, "ये जो लोग इस तरह की हरकत कर रहे हैं, उससे न केवल इस्लाम बदनाम होता है बल्कि देश भी बदनाम होता है. यह गलत है."
उन्होंने कहा कि, कुछ लोगों ने एक आदमी पर क्रूर हमला किया, जिसे इस्लामी दुनिया में दंडनीय पाप के रूप में स्वीकार किया जाता है. अजमेर गरीब नवाज की दरगाह और पुष्कर ब्रह्माजी की नगरी पुष्कर में हजारों-लाखों तीर्थयात्री आते हैं. सनातन संस्कृति और सौहार्द सद्भाव हमारे देश की पहचान है. हम इन्हीं विचारों पर अडिग रहकर विश्व गुरु बन सकते हैं.
इसके अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने एक बयान में कहा, ‘‘बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने इस्लाम के पैगम्बर के बारे में जो अपमानजनक शब्द कहे हैं, वह मुसलमानों के लिए अत्यन्त दुखदायी हैं. इसके साथ ही सरकार का उसपर कोई कार्यवाही न करना जख्म पर नमक छिड़कने जैसा है. इसके बावजूद कानून को अपने हाथ में लेना और किसी व्यक्ति की हत्या कर देना निन्दनीय कृत्य है. न तो कानून इसकी अनुमति देता है और न इस्लामी शरीयत इसको जायज ठहराती है.’’
दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने एक बयान में कहा, ‘‘उदयपुर की घटना ने इंसानियत को हिला दिया है. यह घटना न सिर्फ कायराना हरकत है, बल्कि गैर इंसानी और गैर इस्लामी है. मैं भारत के मुसलमानों की तरफ से इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं."
उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना को अंजाम देने वालों ने अगर सही मायने में इस्लाम और पैगम्बर की शिक्षाओं पर अमल किया होता तो यह घिनौनी हरकत नहीं करते.’’
उदयपुर हत्या मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा, "जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है."
उन्होंने कहा, "हमारे देश में कानून की व्यवस्था है, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. इसके साथ ही मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने देश के सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की."
AIMIM चीफ ओवैसी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि इस मुश्किल समय में शांति बनाए रखने की जरूरत है.
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