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यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्यामल ने मानवीय सहायता के लिए नई दिल्ली को धन्यवाद देते हुए बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात के दौरान भारत से रूस के आक्रमण को रोकने के लिए फोर्स में शामिल होने का आग्रह किया।
श्यामल ने महासभा की उच्च-स्तरीय बैठक के इतर उनकी बैठक के बाद ट्वीट किया, मैंने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को रोकने के लिए सेना में शामिल होने की आवश्यकता पर जोर दिया और मानवीय सहायता के लिए भारत सरकार और लोगों को धन्यवाद दिया।
उनकी बैठक यूक्रेन पर सुरक्षा परिषद की बैठक की पूर्व संध्या पर हुई जिसमें जयशंकर के भाग लेने की उम्मीद है।
अपनी मुलाकात के बारे में ट्वीट करते हुए जयशंकर ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन के नेता को अपने ²ष्टिकोण और मौजूदा संघर्ष के आकलन को साझा करने के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा सहित उनके परिणामों पर चर्चा की।
श्यामल ने यह भी ट्वीट किया कि उन्होंने अपने देश से खाद्यान्न निर्यात करने के लिए काला सागर गलियारे के लिए भारत के समर्थन और जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा स्टेशन (जेडएनपीपी) के आसपास के क्षेत्र के विसैन्यीकरण के लिए भरोसा किया।
यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु रूस के कब्जे में है और इसे खतरे में डालते हुए इसके चारों ओर गोलाबारी की जा रही है।
जबकि भारत रूस के आक्रमण पर तटस्थ रहा है और मास्को की निंदा करने वाली परिषद और विधानसभा में वोटों से परहेज कर रहा है, हालांकि इसने यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान की है।
मोदी ने पिछले हफ्ते समरकंद में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी मुलाकात के दौरान कहा, आज का युग युद्ध का युग नहीं है। हमने आपके साथ कई बार फोन पर इस पर चर्चा की है कि लोकतंत्र कूटनीति और संवाद पूरी दुनिया को छूते हैं।
लेकिन यह देखना होगा कि क्या इससे संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थिति और वोटों में कोई बदलाव आएगा।
--आईएएनएस
आरएचए/एएनएम
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