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भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद दोबारा गिरफ्तार हो सकता है. अमेरिका ने कहा है कि हाफिज सईद को तुरंत गिरफ्तार करे पाकिस्तान.
बता दें कि 23 नवंबर को लाहौर की हाई कोर्ट ने सईद की नजरबंदी बढ़ाने से इनकार कर दिया था. 31 जनवरी से हाफिज सईद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नजरबंद था.
इससे पहले हाफिज सईद ने नजरबंदी से रिहा होते ही एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरु कर दिया. मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज, इन हमलों की नौंवी बरसी से ठीक पहले रिहा हुआ है. अपनी रिहाई का जश्न हाफिज ने केक काटकर मनाया.
हाफिज ने एक बार फिर से कश्मीर का नाम लेकर भारत को धमकाया है. इस दौरान रिहाई के बाद जमात-उद-दावा से जुड़े कई नेताओं ने उससे मुलाकात की, और मिठाई खिलाकर उसकी रिहाई का स्वागत किया. पाकिस्तान सरकार ने भी उसे किसी और मामले में हिरासत में नहीं रखने का फैसला किया है.
नजरबंदी से बाहर निकलते ही हाफिज सईद ने भारत पर कई आरोप लगाए और कश्मीर को लेकर फिर से धमकी दी. हाफिज सईद ने ट्विटर के जरिए अपना वीडियो संदेश भी जारी किया है.
बता दें कि 2008 मुंबई हमले में सईद की भूमिका को देखते हुए अमेरिका ने 2012 में हाफिज सईद के ऊपर एक करोड़ डॉलर (करीब 65 करोड़ रुपये) का इनाम रखा था. अभी हाल ही यूनाइटेड नेशन ने हाफिज सईद के संगठन को भी आतंकी संगठन घोषित किया है.
हाफिज सईद ने 2008 में हुए मुंबई हमले की जिम्मेदारी ली थी. सईद लश्कर-ए-तैयबा संगठन का सरगना है. इस संगठन की शुरुआत अफगानिस्तान के कुन्नार में साल 1987 में हुई थी. लश्कर के अलावा हाफिज सईद ने जमात-उद-दावा की शुरुआत भी की. साल 2008 में मुंबई आतंकी हमलों के बाद हाफिज सईद ने जमात-उद-दावा की शुरुआत की थी.
इस संगठन को हाफिज और पाक दोनों ही चैरिटेबल ट्रस्ट बताते हैं. जबकि अमेरिका और यूएन ने इसे बैन किया हुआ है. 5 दिसंबर 2001 में अमेरिका ने इसे अपनी आतंकी लिस्ट में शामिल किया था. 26 दिसंबर 2001 को अमेरिका ने इसे एफटीओ यानी फॉरेन टेररिस्ट संगठन करार दिया
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