Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019UP Election: हॉट सीट बनी गोरखपुर, पहली बार कोई CM लड़ रहा चुनाव

UP Election: हॉट सीट बनी गोरखपुर, पहली बार कोई CM लड़ रहा चुनाव

गोरखपुर सदर नाम से वजूद में रही इस सीट पर 17 चुनावों में 10 बार जनसंघ, हिंदू महासभा और बीजेपा का परचम लहरा चुका है

IANS
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गोरखपुर, 21 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में देश के लिए सबसे हाट सीट गोरखपुर बन गयी है। इसकी वजह ये है कि इस सीट से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहते हुए ताल ठोंक रहे हैं। विधानसभा का यह क्षेत्र गोरखपुर की उस संसदीय सीट में आता है जहां से योगी पांच बार लगातार सांसद रह चुके हैं। इस सीट पर कई दशकों से मंदिर का ही प्रभाव रहा है, लेकिन इतनी चर्चा में यह सीट कभी नहीं रही है। मुख्यमंत्री योगी के उम्मींदवार बनते ही यह सीट सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रही है।

पहले गोरखपुर सदर नाम से वजूद में रही इस सीट पर अबतक हुए 17 चुनावों में 10 बार जनसंघ, हिंदू महासभा और भाजपा का परचम लहरा चुका है। एक बार जनसंघ के नेता को जनता पार्टी के बैनर तले जीत मिली। अपने अभ्युदय काल और इंदिरा-सहानुभूति लहर को मिलाकर छह बार कांग्रेस को जीत मिली। फिलहाल तीन दशक से कांग्रेस को जमानत बचाने के भी लाले पड़ गए हैं। सपा-बसपा का तो अब तक खाता भी नहीं खुला। 1998 से लेकर 2014 तक लगातार पांच बार गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए योगी आदित्यनाथ वोटों के लिहाज से गोरखपुर सदर/शहर विधानसभा क्षेत्र में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से करीब तीन गुने अधिक मार्जिन से आगे रहे हैं। यही वजह है कि न सिर्फ भाजपाई बल्कि आमजन भी गोरखपुर शहर सीट पर योगी को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद यहां की लड़ाई को विपक्ष के लिए रस्म अदायगी मान रहा है।

1967, 1974 और 1977 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर सदर की सीट पर जनसंघ का दबदबा रहा। 1977 के चुनाव में जनसंघ जनता पार्टी का हिस्सा बनकर चुनाव मैदान में था। इसके बाद 1980 और 1985 के चुनाव को छोड़ दें तो 1989 से लेकर अबतक यह सीट भाजपा के पाले में रही। अब जरा गोरखपुर शहर क्षेत्र में सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ को हासिल वोटों पर गौर करें।

योगी और उनके खिलाफ लड़े अन्य दलों के प्रत्याशियों में दूर-दूर तक कोई मुकाबला ही नहीं दिखा। योगी पांच बार सांसद रहे हैं। हर बार शहर क्षेत्र से उन्हें बम्पर वोट मिले। उनके आखिरी दो चुनावों के आंकड़ों की पड़ताल करें तो 2009 के संसदीय चुनाव में उन्हें गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से कुल पड़े 122983 मतों में से 77438 वोट मिले जबकि दूसरे स्थान पर रहे बसपा के विनय शंकर तिवारी को सिर्फ 25352 वोट। उस समय यहां सपा को महज 11521 मत हासिल हुए थे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में तो योगी को मिले वोटों का ग्राफ और बढ़ गया। 2014 के संसदीय चुनाव में गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से कुल पोल हुए 206155 वोटों में से अकेले 133892 वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहीं सपा की राजमती निषाद को 31055 और बसपा के रामभुआल निषाद को 20479 वोट ही हासिल हो सके।

लगभग तीन दशक से से गोरखनाथ मंदिर कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पांडे ने बताया, लोकसभा चुनावों के दौरान योगी के पक्ष में अब तक पड़ने वाले वोट तो यही बताते हैं कि आदित्यनाथ वहां से अजेय रहे हैं। अमूमन निकटतम प्रतिद्वंदी से हार-जीत का फासला करीब तीन गुने का होता है। इस एकतरफा मुकाबले में अधिकांश की जमानत जब्त हो जाती है। गोरक्षपीठ के नाते जाति, धर्म और मजहब के सारे समीकरण ध्वस्त हो जाते हैं। सब लोग योगी के पक्ष में उसी तरह एक हो जाते हैं जैसे खिचड़ी में चावल-दाल। अबतक के चुनावी आंकड़े इसके प्रमाण हैं।

--आईएएनएस

विकेटी/आरजेएस

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