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गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान लोक सभा सांसद के. मुरलीधरन द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में नवंबर 2020 और नवंबर 2022 के बीच कच्चे तेल की भारतीय बास्केट की कीमत में 102 प्रतिशत की औसत बढ़ोतरी हुई है जबकि इसकी तुलना में इसी अवधि के दौरान भारत में पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य में केवल 18.95 प्रतिशत और 26.5 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने भारत में दुनिया के अन्य देशों की तुलना में पेट्रोल-डीजल की कीमत में सबसे कम बढ़ोतरी होने का दावा करते हुए कहा कि अमेरिका में तो 144.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पेट्रोलियम मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी दलों के सांसदों ने सवाल पूछना शुरू कर दिया। इसके बाद विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए पुरी ने कहा कि आम आदमी को पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने 21 नवंबर 2021 और 22 मई 2022 को केंद्रीय उत्पाद शुल्क में दो बार कमी की। भाजपा शासित राज्यों के साथ-साथ अन्य कई राज्यों ने भी वैट की दरों को कम कर जनता को राहत देने का काम किया लेकिन पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलगांना, झारखंड, आंध्र प्रदेश और केरल की राज्य सरकारों ने जनता को राहत देने के लिए वैट की दरों में कोई कमी नहीं की।
पेट्रोलियम मंत्री के इस जवाब पर विपक्षी दलों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और लेफ्ट के सांसदों ने लोक सभा से वॉकआउट कर दिया।
--आईएएनएस
एसटीपी/एसकेपी
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