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इमरान खान के पक्ष में उतरा रूस, कहा- आदेश नहीं मानने पर सजा देना चाहता है अमेरिका

यूक्रेन से जंग के बीच इमरान खान ने रूस की यात्रा की थी और अब अपनी पीएम की कुर्सी भी गंवा बैठे हैं.

IANS
न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>आदेश नहीं मानने पर इमरान खान को सजा देना चाहता है अमेरिका: रूस</p></div>
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आदेश नहीं मानने पर इमरान खान को सजा देना चाहता है अमेरिका: रूस

फोटो-IANS

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रूस ने पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में अमेरिका द्वारा शर्मनाक हस्तक्षेप के एक और प्रयास की निंदा की है।

पाकिस्तानी में मची राजनीतिक अस्थिरता का ठीकरा अमेरिका पर फोड़ते हुए रूस ने बड़ा बयान दिया है। रूस का कहना है कि अमेरिका ने अवज्ञाकारी (आदेश नहीं मानने वाला) इमरान खान को दंडित किया है। पाकिस्तान के एक प्रमुख मीडिया संस्थान की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि रूस ने नोट किया है कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने रविवार को खान की सलाह और उससे पहले की घटनाओं पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है।

उन्होंने कहा, इस साल 23-24 फरवरी को इमरान खान की मॉस्को की कामकाजी यात्रा की घोषणा के तुरंत बाद, अमेरिकियों और उनके पश्चिमी सहयोगियों ने प्रधानमंत्री पर कठोर दबाव डालना शुरू कर दिया और यात्रा को रद्द करने के लिए एक अल्टीमेटम की मांग की।

जखारोवा ने कहा, इन सबके बावजूद वे हमारे यहां आए, तब (संभावित अमेरिकी अधिकारी डोनाल्ड लू) ने वॉशिंगटन में पाकिस्तानी राजदूत को बुलाया। उनसे इमरान खान की यात्रा को तुरंत रद्द कराने की मांग की। लू की मांग को भी खारिज कर दिया गया।

प्रवक्ता ने आगे कहा, पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इस साल 7 मार्च को, पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद के साथ बातचीत में, एक उच्च पदस्थ अमेरिकी अधिकारी ने यूक्रेन में होने वाली घटनाओं के लिए पाकिस्तानी नेतृत्व की संतुलित प्रतिक्रिया की तीखी निंदा की और स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ साझेदारी तभी संभव है, जब इमरान खान को सत्ता से हटा दिया जाए।

रूसी अधिकारी ने कहा कि स्थिति के आगे के घटनाक्रम को लेकर कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका ने अवज्ञाकारी इमरान खान को दंडित करने का फैसला किया है।

रूस ने पीटीआई के सांसदों की ओर से विपक्ष से जाकर मिल जाने पर भी सवाल उठाया और ऐसे समय में अविश्वास प्रस्ताव संसद में प्रस्तुत करने को लेकर अमेरिका की मंशा को उजागर किया।

जखारोवा ने कहा, यह एक स्वतंत्र राष्ट्र के आंतरिक मामलों में अपने स्वार्थ के लिए अमेरिका के बेशर्म हस्तक्षेप का एक और प्रयास है। उपरोक्त तथ्य इस बात की गवाही देते हैं।

उन्होंने कहा, (पाकिस्तान के) प्रधानमंत्री ने खुद बार-बार कहा है कि उनके खिलाफ साजिश विदेश से प्रेरित और वित्तपोषित है। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तानी मतदाताओं को इन परिस्थितियों के बारे में सूचित किया जाएगा, जब वे चुनाव में आएंगे, जो कि नेशनल असेंबली के भंग होने के बाद 90 दिनों के भीतर होना चाहिए।

यह बयान तब आया है जब खान ने मध्य और दक्षिण एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू को एक ऐसे अधिकारी के रूप में नामित किया था, जिन्होंने एक पत्र में उनके शासन के बारे में धमकी देने वाली टिप्पणी की थी, जिसका जिक्र पीएम खान ने पिछले महीने इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान किया था।

पिछले महीने, राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, जिसमें सभी सेवाओं के प्रमुख शामिल हैं, ने पत्र पर आपत्ति जताई थी और इसे पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में स्पष्ट हस्तक्षेप करार दिया था।

खान ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव उन्हें सत्ता से बेदखल करने की विदेशी साजिश का हिस्सा है।

--आईएएनएस

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