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योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले पांच वर्षों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया है, जिससे उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक नया वोट बैंक बन गया है.
एमएसएमई की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने एमएसएमई सेक्टर में कारोबार करने के लिए 95 लाख यूनिट की फंडिंग करते हुए 2.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज मुहैया कराया है.
यह कर्ज पांच योजनाओं में दिया गया है, जिससे 3.28 करोड़ लोगों को एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार मिला है,
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर एक बड़ी कारोबारी ताकत बन गया है और राज्य में बेरोजगारी दर में 17.9 फीसदी की कमी आई है.
योगी सरकार में एमएसएमई व्यापार क्षेत्र की तस्वीर बदल गई है.
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, कोविड के वैश्विक संकट के दौरान भी इस क्षेत्र में डेढ़ लाख से अधिक नई इकाइयां स्थापित की गईं. अब देश में 14.2 फीसदी एमएसएमई इकाइयां राज्य में हैं.
पिछले पांच वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में 3.28 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है.
लाभार्थियों में से एक, जितेंद्र भदावर ने कहा, मिट्टी के बर्तनों में मेरी एमएसएमई इकाई ने मुझे वित्तीय स्थिरता दी है, सरकारी योजनाओं के लिए धन्यवाद. जिस किसी को भी लाभ हुआ है, वह सरकार को वोट देगा, चाहे उनकी राजनीतिक विचारधारा कुछ भी हो.
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