advertisement
उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग हादसे (Uttarakhand Tunnel Collapse) में फंसे 41 मजदूरों का आज, 28 नवंबर 17वां दिन है. मशीन से ड्रिलिंग की कोशिशों में झटका लगने के बाद अब मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही है. एक तरफ तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है तो दूसरी तरफ से पीएम मोदी ने मजदूरों के लिए प्रार्थना करने की अपील की. आइए देखते हैं कि सुरंग हादसे में अब क्या नए अपडेट हैं.
पहले ऑगर मशीन के जरिए ड्रिलिंग का काम किया जा रहा था, लेकिन ऑगर मशीन के पाईप में फंस जाने के बाद उसके फंसे हुए हिस्सों को काटकर बाहर निकाला गया और अब बचे हुए हिस्से की मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही है. अब तक करीब 2 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है. इसमें पहले हाथ से ड्रिल करके मलबा हटाया जा रहा है, फिर मशीन के जरिए पाईप को पुश किया जाता है.
उत्तराखंड सरकार में सेक्रेटरी डॉ. नीरज खैरवाल ने कहा...
माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर के अनुसार, कल रात काम बहुत अच्छा हुआ. 50 मीटर पार हो चुका है और अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है.
मजदूरों को निकालने के लिए साथ-साथ प्लान B पर भी काम चल रहा है. इसमें पहाड़ी के ऊपर से मशीन के जरिए वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी है, जिसमें से करीब 36 मीटर हो चुका है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते दिन देव दीपावली और गुरू नानक जयंती के मौके पर अपने ट्वीट में कहा कि आज जब हम देवी-देवताओं से प्रार्थना कर रहे हैं, मानवता के कल्याण की बात कर रहे हैं, तो हमें अपनी प्रार्थना में उन श्रमिक भाईयों को भी स्थान देना है, जो बीते करीब दो सप्ताह से उत्तराखंड की एक टनल में फंसे हुए हैं.
उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि सरकार और तमाम एजेंसियां मिलकर उन्हें संकट से बाहर निकालने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं, लेकिन इस राहत और बचाव अभियान को हमें बहुत सतर्कता से ही पूरा करना है.
आपको बता दें कि सिलक्यारा में सुरंग निर्माण के दौरान दिवाली के दिन ही 12 नवंबर को मजदूर टनल में फंस गए थे. अचानक टनल का एक हिस्सा ढह गया और 41 मजदूर उसी में फंस गए, तभी से उन्हें निकालने की कोशिशें जारी हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)