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उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग हादसे (Uttarakhand Tunnel Collapse) में फंसे 41 मजदूरों का 17 दिन से जारी इंतजार खत्म हो गया है. सुरंग का रास्ता खुल गया है और अब थोड़ी देर में सभी मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू हो जाएगा.
मशीन से ड्रिलिंग की कोशिशों में झटका लगने के बाद मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही थी. अब मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है. इसी के साथ ये रेस्क्यू ऑपरेशन भी पूरा हो चुका है.
सुरंग निर्माण के दौरान 12 नवंबर को ढह गई थी. अब उसी मलबे में करीब 57 मीटर तक पाईप डालकर अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचा जा सका है. रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के साथ ही अब एंंबुलेंस अंदर भेजी जा रही है. NDRF की टीम पहले ही अंदर जा चुकी है. अब मजदूरों को एक-एक कर पाईप के जरिए निकाला जाएगा.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि मजदूरों को अब जल्द निकाल लिया जाएगा.पाईप डालने का काम पूरा हो चुका है.
इस बीच, फंसे हुए मजदूरों में से एक के पिता मीत चौधरी ने राहत व्यक्त करते हुए कहा, "मैं अपने एकमात्र जीवित बेटे से मिलने जा रहा हूं."
मौके पर एंबुलेंस: रेस्क्यू ऑपरेशन के चलते टनल के अंदर ही अस्थाई मेडिकल सुविधा का विस्तार किया गया है. फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद उनका हेल्थ चेकअप इस स्थान पर किया जाएगा. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए यहां स्वास्थ विभाग ने 8 बेड लगाए हैं एवं डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम यहां तैनात है.
दूसरी तरफ, एम्बुलेंस और स्ट्रेचर मौके पर पहुंच गए हैं और श्रमिकों को बचाए जाने के तुरंत बाद नजदीकी अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया जाएगा. माइक्रो-टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है कि हम शाम 5:00 बजे तक कुछ रिजल्ट देखने की उम्मीद कर रहे हैं.
आपको बता दें कि सिलक्यारा में सुरंग निर्माण के दौरान दिवाली के दिन ही 12 नवंबर को मजदूर टनल में फंस गए थे. अचानक टनल का एक हिस्सा ढह गया और 41 मजदूर उसी में फंस गए, तभी से उन्हें निकालने की कोशिशें जारी हैं.
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