Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राष्ट्रपति का आदेश कोई राजा का आदेश नहीं: उच्च न्यायालय  

राष्ट्रपति का आदेश कोई राजा का आदेश नहीं: उच्च न्यायालय  

हाईकोर्ट ने कहा कि पूर्ण शक्ति किसी को भी भ्रष्ट कर सकती है 

द क्विंट
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(फोटो:Facebook)
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उत्तराखंड में लागू राष्ट्रपति शासन पर नैनीताल उच्च न्यायालय ने बुधवार को कड़ा रुख अख्तियार किया. न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रपति कोई राजा नहीं है, और गलती उनसे भी हो सकती है.

पीठ ने कहा,

पूर्ण शक्ति किसी को भी भ्रष्ट कर सकती है और राष्ट्रपति भी गलत हो सकते हैं. ऐसे में उनके फैसलों की समीक्षा हो सकती है. सभी न्यायालयों के आदेशों की न्यायिक समीक्षा का अधिकार देश के न्यायालयों के पास है. 

आज क्या हुआ कोर्ट में?

याचिकाकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायालय से कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के विधेयक स्वीकृत कहने और राज्यपाल के विवादित कहने से राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया जा सकता.

उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार की ओर से पेश सहायक महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा कि गोपनीय दस्तावेजों के अनुसार नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट द्वारा राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा गया था कि 27 विधायकों ने सदन में शक्ति परीक्षण की मांग की थी, जबकि नौ बागी विधायकों का नाम उसमें नहीं था.

मेहता ने कहा कि 18 मार्च, 2016 की रात 11.30 बजे अजय भट्ट ने 35 विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल को पत्र देकर वित्त विधेयक गिरने का हवाला देकर स्थितियों से अवगत कराया था.

उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक गिरने के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधेयक को पारित बताकर संविधान का मजाक उड़ाया गया.

कोर्ट का केंद्र के वकील से सवाल?

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि उनके द्वारा दिए गए गोपनीय दस्तावेजों पर न्यायालय में चर्चा हो सकती है क्या? न्यायालय ने यह भी पूछा कि क्या उस दस्तावेज का जिक्र आदेश में किया जा सकता है?

इस पर हरीश रावत के अधिवक्ता ने कहा कि कर्नाटक के एस.आर. बोम्मई मामले में गोपनीय दस्तावेज का जिक्र किया गया है.

इसके बाद न्यायालय ने फिर पूछा कि मंत्रिमंडल के उस निर्णय को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा सकता? न्यायालय के इस सवाल पर मेहता ने कहा कि इस पर चर्चा की जा सकती है.

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Published: 20 Apr 2016,07:21 PM IST

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