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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कई छात्रों का कहना है कि लंबे समय से बेवजह उनकी छात्रवृत्ति रोकी जा रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों का आरोप है कि 2 सालों से उनकी छात्रवृत्ति रुकी हुई है। 2 सालों से रुकी हुई इसी छात्रवृत्ति को रिलीज करवाने की मांग को लेकर सोमवार को कई छात्र जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन से गुहार लगाने पहुंचे। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मुद्दे पर बातचीत से पहले ही स्टाफ और वहां खड़े गार्ड ने छात्रों को घेर लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी। छात्रों के मुताबिक गार्डस द्वारा की गई पिटाई में एक दिव्यांग छात्र समय आधा दर्जन छात्र घायल हो गए हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय परिसर में हुई इस मारपीट का एक वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो में घायल छात्र अपने आप पर हुए हमले के लिए विश्वविद्यालय के गार्ड को जिम्मेदार ठहरा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पूरे मामले सी जांच करवाने की बात कही है।
वहीं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष आईसी घोष का इस मुद्दे पर कहना है कि यह विश्वविद्यालय परिसर के अंदर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों की गुंडागर्दी है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी जो कर सकती है, वह कर रही है। आज छात्रवृत्ति अनुभाग में गाडरें की पिटाई, दस्तावेजों में तोड़फोड़। जेएनयू प्रशासन ने वर्षों से छात्रों के आंदोलन को तोड़ने के लिए इन गुंडों को अपने फायदे के लिए बनाया है। अब ये गुंडे कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में लेने और गुंडागर्दी करने के लिए तोड़फोड़ करने लगे हैं। कल यह छात्र थे जो प्राप्त करने वाले छोर पर थे, आज यह सुरक्षाकर्मी हैं। कल यूनिवर्सिटी से कोई भी हो सकता है।
छात्रों को कहना है कि इस मामले में पुलिस कंप्लेंट कर दी गई है। घायल हुए छात्र व उनके समर्थक इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भी कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग कर रहे हैं। एबीवीपी से जुड़े हुए छात्रों का कहना है कि आरोपी कार्ड को हटाया जाए।
--आईएएनएस
जीसीबी/एएनएम
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